Pratapgarh श्राद्ध पक्ष-2024, दो अक्टूबर को है इस बार सर्व पितृ अमावस्या
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, प्रतापगढ़ कृष्ण अमावस्या अथवा सर्वपितृ अमावस्या 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन पितृगण पुन: देवलोक की ओर प्रस्थान करते हैं। इस दिन पितरों के नाम से दान पुण्य करने से वे प्रसन्न होकर आपको सुखी रहने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। जिससे सुख-समृद्धि की प्राप्त होती ऐसी मान्यता है कि अगर आप किसी भी कारणवश तिथि पर अपने पूर्वजों का श्राद्ध नहीं कर पाए हैं तो सर्वपितृ अमावस्या पर उनके निमित्त दान-पुण्य करने और कुछ उपाय करने से उनको तृप्ति प्राप्त होती है और वे आपसे प्रसन्न होते हैं। आपको पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।
गरुड़ पुराण के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. संजय गील ने बताया कि अमावस्या के दिन पितृगण वायुरूप में घर के दरवाजे पर उपस्थित रहते हैं और अपने स्वजनों से श्राद्ध की अभिलाषा करते हैं। जब तक सूर्यास्त नहीं हो जाता, तब तक वे भूख-प्यास से व्याकुल होकर वहीं खड़े रहते हैं। सूर्यास्त हो जाने के पश्चात वे अपने-अपने लोक को चले जाते हैं। अत: अमावस्या के दिन प्रयत्नपूर्वक श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। यदि पितृजनों के पुत्र तथा बन्धु-बान्धव उनका श्राद्ध करते हैं और गया-तीर्थ में जाकर इस कार्य में प्रवृत्त होते हैं तो वे उन्हीं पितरों के साथ ब्रह्मलोक में निवास करने का अधिकार प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही उन्हें भूख-प्यास कभी नहीं लगती। इसलिए पितृ अमावस्या के दिन अपने पितरों के लिए श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।
पितृ अमावस्या कब से कब तक
हिंदू पंचांग के आधार पर ज्योतिर्विद डॉ. गील ने बताया कि सर्व पितृ अमावस्या आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होती है। जो की इस बार 1 अक्टूबर रात्रि 9 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होकर 3 अक्टूबर को रात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 2 अक्टूबर को सर्व पितरों संबंधी कार्य करना उत्तम रहेगा।