राजस्थान में सौर ऊर्जा को मिल सकता है नया विभाग, वीडियो में अब तक की बड़ी खबरें

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान सोलर एसोसिएशन (आरएसए) ने प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा के विकास को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है। एसोसिएशन ने सोमवार को आयोजित केंद्रीय बजट समीक्षा बैठक में रिन्युएबल एनर्जी के लिए अलग विभाग की स्थापना का प्रस्ताव रखा।आरएसए अध्यक्ष सुनील बंसल ने बताया कि राइजिंग राजस्थान में हुए कुल 35 लाख करोड़ के समझौतों में से 28 लाख करोड़ रुपए एमओयू अकेले नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में हुए हैं। इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए अलग विभाग, मंत्री और सचिव स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति आवश्यक है। उन्होंने जयपुर के आसपास 100 सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहन देने की भी मांग की।
एसोसिएशन के सीईओ नितिन अग्रवाल ने केंद्रीय बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सोलर ग्रिड के लिए आवंटित 1,500 करोड़ रुपए की राशि अपर्याप्त है और इसे बढ़ाकर कम से कम 15,000 करोड़ रुपए किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सोलर सैल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) में कोई कमी नहीं की गई है, बल्कि इसे एक सेक्शन से दूसरे में स्थानांतरित किया गया है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट से लगभग 10 लाख नए घरों पर रूफटॉप सोलर स्थापित किए जा सकेंगे।बैठक में एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित मनोज गुप्ता, प्रतीक अग्रवाल, रमाकांत जांगिड़, विकास सैन, अभय महाजन, अरुण महला, अपूर्व पाटनी, विभु गुप्ता, विजय अग्रवाल, विभोर कुलश्रेष्ठ और रजनीश सिंह ने भाग लिया।
सोलर उद्योग से जुड़े अन्य प्रतिनिधियों ने राजस्थान में सोलर से संबंधित एमएसएमई के लिए अपार संभावनाओं को देखते हुए राजस्थान में सोलर पैनल , मॉड्यूल और अन्य कम्पोनेंट बनाने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष योजना की मांग की है । यदि RSA के प्रतिनिधियों का कहना है कि यदि सोलर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार और राजस्व का सृजन करना है तो सरकार को सोलर कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करने वाले निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बजट में विशेष घोषणा करनी होगी।