Rajsamand सरकार दे ध्यान, बुजुर्ग दवाओं को लेकर रोज हो रहे परेशान
पूरे राजस्थान से इस संबंध में कई लोगों ने बुजुर्गों की परेशानी बताई, लेकिन अब तक समाधान नहीं हो पाया। पेंशनर्स और बुजुर्गों का कहना है कि सरकार के नए आदेश से लकवाग्रस्त, असाध्य बीमारी से पीड़ित और अति वृद्ध पेंशनर्स तथा सेवारत अधिकारी-कार्मिकों के माता-पिता अथवा उनके वृद्ध परिजनों को अस्पतालों की ओपीडी में परामर्श के लिए प्रत्यक्ष ले जाना आवश्यक हो गया है। इन रोगियों और सेवादारों को इलाज करवाने में परेशानी हो रही हैं। स्थिति तो यह है कि वर्तमान में जो पेंशनर्स अकेले हैं उनमें से अनेक गंभीर बीमारियों से पीड़ित है। अब तक उनको चिकित्सकों की सलाह के आधार पर उपचार प्राप्त हो रहा था, लेकिन आदेश से कई उपचार से भी वंचित हो रहे हैं।
आरजीएचएस के अधीन लोगों को इमरजेंसी इलाज के लिए आरजीएचएस में उपचार नहीं दिया जा रहा है। हॉस्पिटल का जवाब होता है कि उन्होंने प्रस्ताव बनाकर पोर्टल पर अपलोड कर दिया। अनुमोदन प्राप्त होने पर ही इलाज शुरू होगा। ऐसी स्थिति में परिजनों को नगद राशि जमा करवाने के लिए बाध्य होना पड़ता है।इनडोर पेशेंट के इलाज के दौरान चिकित्सक के द्वारा कई ऐसी दवाएं लिखी जाती है जो आरजीएचएस की सूची में शामिल नहीं है। जिससे बाहर से खरीदनी पड़ती है।