Sawai madhopur रणथंभौर के सबसे बड़े भूभाग के मालिक रॉकी का निधन
सवाई माधोपुर न्यूज़ डेस्क, सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व के सबसे बड़े भूभाग (50 वर्ग किमी क्षेत्र) के मालिक बाघ टी-58 (रॉकी) की रविवार को मौत हो गई। प्राथमिक तौर पर माना जा रहा है कि रॉकी की मौत अचानक दिल का दौरा पड़ने से हुई है। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद बाघ का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। रणथंभौर के कार्यवाहक डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि रविवार सुबह बाघ टी-58 जंगल से निकलकर हिंदवाड़ गांव पहुंच गया था।
जहां शाम को उसकी मौत हो गई। इसके बाद सोमवार सुबह मेडिकल बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम कराया गया। यहां मेडिकल बोर्ड के डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. अंजलि गंगवाल और रणथंभौर के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सीपी मीना ने बाघ का पोस्टमार्टम किया। मेडिकल बोर्ड के डॉ. राजीव गर्ग के अनुसार प्राथमिक तौर पर बाघ की मौत अचानक दिल का दौरा पड़ने से हुई है। वहीं मौत का एक अन्य कारण जहर होने की संभावना के चलते विसरा के नमूने लेकर प्रयोगशाला भेजे गए हैं। पोस्टमार्टम के दौरान रणथंभौर के सीसीएफ अनूप के आर, डीएफओ मानस सिंह, रेंजर विष्णु गुप्ता, एसडीएम अनिल चौधरी, सिटी चौकी प्रभारी जितेंद्र सिंह, एमडी पाराशर, मुकेश सीट, रूप सिंह मीना सहित कई वनकर्मी मौजूद थे।
रणथंभौर के 4 जोन में था रॉकी का इलाका
बाघ टी-58 (रॉकी नर) रणथंभौर टाइगर रिजर्व का राजा था। रणथंभौर में करीब 80 बाघ, बाघिन और शावक हैं। ये सभी 1700 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रहते हैं। इनमें सबसे मजबूत और ताकतवर टी-58 था। इसमें से 50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र अकेले टी-58 के पास था। जिसका इलाका रणथंभौर के 4 जोन में था। बाघ टी-58 करीब साढ़े 13 साल का था। यह बाघिन टी-26 शर्मीली की संतान था।