Dholpur रसद विभाग और राशन डीलर की सांठ गांठ से चल रही दुकानें
सरकार गरीबों को राशन देने के लिए आधार कार्ड से लेकर पेन कार्ड का सत्यापन कराकर कुंडली निकलाने में लगी हुई है। जिससे अपात्र व्यक्ति को राशन ना मिलें। वहीं अब कार और कर दाता की जानकारी भी विभाग आधार कार्ड का सत्यापन कराकर निकाल रहा है। लेकिन यहां जिला रसद विभाग के अधिकारी और राशन डीलर की सांठ गांठ अब चर्चा का विषय बन गई है। शहर में एक ही परिवार के तीन व्यक्तियों को राशन की दुकान आवंटित कर दी। जो अब राशन वितरण कर रहे है। लेकिन इसमें इन दुकानों का संचालन केवल एक ही व्यक्ति ही कर रहा है। वहीं राशन की दुकान का संचालन के लिए उसी वार्ड का निवासी भी होना सरकार के नियमों में लिखा होना आवश्यक है। लेकिन इस बात की भनक सरकार के उच्चाधिकारियों तक नहीं पहुंच सकीं। जिसके चलते दुकानों का संचालन एक ही व्यक्ति कर रहा है। इन तीनों राशन की दुकानों पर एक-एक राशन की दुकान का अटैंचमेंट भी लगा हुआ है।
नियमों को किया दरकिनारा
राशन की दुकान का संचालन करने के लिए अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर दुकानों का संचालन शुरू कर दिया। सरकार ने जब केवाईसी हर कार्ड के सदस्य की करानी शुरू की तो मामला सामने आया। जिसमें एक ही परिवार में अलग-अलग व्यक्ति को नियमों को दरकिनारा करके राशन की दुकान आवंटित कर दी। जो अब रसद विभाग के राशन डीलरों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
डीलर के बिना 13 साल तक दुकान का संचालन
क्षेत्र के सरमथुरा में राशन डीलर नीतू सिंह के नाम राशन की दुकान आवंटित थी। नीतू की शादी 2010 में सवाई माधोपुर में हो गई थी। लेकिन रसद विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इस दुकान का संचालन होता रहा। 2023 में शिकायत हुई तो मामला बढ़ता देख अधिकारियों ने राशन डीलर नीतू का लाइसेंस निरस्त कर दिया। अधिकारियों के संरक्षण में 13 साल तक दुकान बिना डीलर के संचालित होती रही। अब इस दुकान पर बकाया रिकवरी भी निकल रही।