Sirohi 65वां अखिल भारतीय प्रौढ़ शिक्षा सम्मेलन में देशभर से प्रोफेसर हुए शामिल
सिरोही न्यूज़ डेस्क, सिरोही आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में शुक्रवार से तीन दिवसीय 65वीं ऑल इंडिया एडल्ट एजुकेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन शुरू हुआ। देशभर से यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शोधार्थी इसमें भाग ले रहे हैं।एजुकेशन विंग के अध्यक्ष डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि आज तेजी से गिरते सामाजिक व नैतिक मूल्य चिंता का विषय हैं। उन्होंने बताया कि एजुकेशन विंग विद्यार्थियों को आध्यात्मिकता और मूल्य शिक्षा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। विंग की उपाध्यक्ष बीके शीलू दीदी ने कहा कि बिना आध्यात्मिक व नैतिक मूल्यों के शैक्षिक डिग्रियां व्यर्थ हैं।आईएईए की निदेशिका कल्पना कौशिक ने बताया कि संगठन देशभर में विभिन्न माध्यमों से मूल्य शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है। प्रो. एनके अंबासत ने कहा कि शिक्षा जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है और किसी भी उम्र में शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने सेवानिवृत्ति के बाद भी अपनी पढ़ाई पूरी की है। कॉन्फ्रेंस में शोधार्थी भारतीय शैक्षिक परिदृश्य में आजीवन शिक्षा के महत्व पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
देशभर में 36 यूनिवर्सिटी से किया एमओयू साइन
ब्रह्माकुमारीज के वैल्यू एजुकेशन के निदेशक डॉ. पांड्यामणि भाई ने कहा कि एजुकेशन विंग द्वारा देशभर की 36 से अधिक यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन कर शिक्षा में आध्यात्मिकता और मूल्य शिक्षा पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इससे हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। संचालन मीडिया विंग की मुख्यालय संयोजिका बीके चंदा बहन ने किया। आभार आईएईए के नेशनल एंथेरन एससी खंडेलवाल ने व्यक्त किया।
आईएईए की ओर से इन्हें दिए गए अवॉर्ड
कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ पर अतिथियों द्वारा नेहरु लिक्ट्रेसी अवॉर्ड डॉ. मदन सिंह, के. शिवा कुमार, अकरम खान को, टैगोर लिक्ट्रेसी अवार्ड से वैनगेनिंग वूमन एंड गर्ल्स सोसायटी, प्रो. डॉ. वी रघु और डॉ. केजीवीनो अरम को, आईएईए स्पेशल अवार्ड रंजना रॉय को और लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से केसी चौधरी को सम्मानित किया गया।