Sriganganagar सीएचसी को जिला अस्पताल में क्रमोन्नत किया गया
श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क, मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा पत्र में अनूपगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अब जिला अस्पताल में क्रमोन्नत किया जाएगा। घड़साना को नगरपालिका का दर्जा मिलेगा। घड़साना को नगरपालिका का दर्जा मिलने पर घड़साना वासियों ने नाच-गाकर व मिठाई बांटकर खुशी मनाई।
सरकार ने अनूपगढ़ जिले में नया राजकीय कन्या महाविद्यालय खोलने, अनूपगढ़ शाखा प्रणाली (खाजूवाला) की शेष क्षतिग्रस्त नहरों के पुनर्निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायसिंहनगर में एक्स-रे मशीन व लैब का निर्माण, समेजाकोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी कक्ष व लैब आदि की मरम्मत तथा उपखंड कार्यालय श्रीविजयनगर में मीटिंग हॉल व रिकॉर्ड रूम की सुविधा से संबंधित कार्य करवाने की घोषणा की।
सरकार ने घड़साना को नगरपालिका का दर्जा दे दिया है। अब यहां के लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी। खासकर सरकारी जमीन पर चालीस साल से बने मकानों में रह रहे आठ से दस हजार लोगों को आवासीय पट्टे व सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। नगर पालिका बनने पर सरकारी भूमि के हस्तांतरण से आवासीय व व्यावसायिक भूखंडों की नीलामी के बंद दरवाजे खुल जाएंगे। मंडी विकास समिति की सरकारी भूमि नीलामी के माध्यम से आवंटित की जाएगी। इससे कस्बे का सर्वांगीण विकास होगा। चार ग्राम पंचायतों में विभाजित घड़साना कस्बे में जन सुविधाएं भी ग्रामीण स्तर से शहरी स्तर तक बढ़नी तय हैं। वहीं, कस्बे में सड़क, रात्रि लाइट पोल, अतिक्रमण, आवारा पशुओं के घूमने जैसी अन्य समस्याओं का भी नगर पालिका बनने के बाद समाधान हो जाएगा। जिला अस्पताल बनने से मिलेगी राहत अनूपगढ़ में जिला अस्पताल बनने से लोगों को राहत मिलेगी। चिकित्सा सुविधाओं में पिछड़े अनूपगढ़ में वर्तमान में चिकित्सकों के 14 पद सृजित हैं,
जिनमें से मात्र 5 पदों पर ही चिकित्सक कार्यरत हैं। सीएमएचओ डॉ. गिरधारी लाल मेहरड़ा ने बताया कि जिला अस्पताल बनने के बाद अस्पताल में मरीजों की संख्या को देखते हुए शुरुआत में 100 बेड की सुविधा उपलब्ध होगी। नर्सिंग स्टाफ की संख्या बढ़ेगी, लैब टेक्नीशियन बढ़ेंगे, एएनएम व हेल्पर के पद बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना का दायरा बढ़ेगा। अस्पताल में आईसीयू वार्ड जो अभी बंद है, वह खुलेगा और उसमें सुविधाएं भी बढ़ेंगी। आईसीयू वार्ड खुलने से इमरजेंसी में जिन मरीजों को श्रीगंगानगर और बीकानेर रेफर करना पड़ता था, उन्हें अब रेफर नहीं करना पड़ेगा और स्थानीय स्तर पर ही सभी सुविधाएं मिल सकेंगी।