प्रदेश में 7 संभाग और 33 जिलों में अब भी पढ़ेंगे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी

प्रदेश में 7 संभाग और 33 जिलों में अब भी पढ़ेंगे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी
 
प्रदेश में 7 संभाग और 33 जिलों में अब भी पढ़ेंगे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी

डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के जिलों की संख्या बढ़ाने के साथ ही संभागों की संख्या में भी बढ़ोतरी की थी। इसके बावजूद मौजूदा शैक्षणिक सत्र में अध्ययनरत प्रदेश के लाखों विद्यार्थी अब भी प्रदेश में 7 संभाग और 33 जिलों का ही अध्ययन करेंगे। राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल की ओर से प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में हाल ही पुस्तकें वितरित की गई। नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों में सिलेबस अपडेट नहीं हुआ है। ऐसे में सत्र पर्यन्त विद्यार्थी पुराने सेटअप के अनुसार ही पढ़ाई करेंगे।

अब 10 संभाग और 50 जिले
अब 10 और जिलों की संख्या 50 हो चुकी है। गत साल के बजट सत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन नए संभागों व 17 नए जिलों की घोषणा की थी। इनमें सीकर, बांसवाड़ा व पाली को नए संभाग बनाया। वहीं, अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर-डीग, डीडवाना- कुचामन, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपूतली बहरोड़, खैरथल-विजारा, नीमकाथाना, फलोदी, सलूम्बर, सांचौर व शाहपुरा को शामिल किया गया था।

पाठ्य पुस्तक मंडल सरकार की ओर से दी गई सीडी के आधार पर पुस्तकें मुद्रण करवा कर पुस्तकों का वितरण करवाता है। संशोधन का निर्णय सरकार स्तर का है। यह हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं है।प्रदेश के बच्चे चुनावी ज्ञान सहित कई विषयों के बारे में पढ़ेंगे। पाठ्यक्रम में ईवीएम, वीवीपेड के साथ मतदान प्रक्रिया के साथ शिक्षा का अधिकार अधिनियम, चाइल्ड हेल्पलाइन, संपर्क पोर्टल व साइबर क्राइम सहित कई विषयों के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाएगी।

शिक्षक और विद्यार्थियों में असमंजस
राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा प्रकाशित करवाई गई कक्षा छह की पुस्तक ‘हमारा राजस्थान’ में संशोधन नहीं होने से शिक्षकों व विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। विद्यार्थी इस साल भी प्रदेश में 33 जिले और सात संभाग ही पढ़ेंगे। राजस्थान एक परिचय नाम के पहले अध्याय में ही राजस्थान के पुराने नक्शे के साथ संभागों व जिलों की पुरानी संख्या व नाम ही प्रकाशित हैं। ऐसे में शिक्षकों में भी इस बात को लेकर गफलत पैदा हो गई है कि उन्हें बच्चों को राजस्थान का वर्तमान स्वरूप पढ़ाना है या पुराना।

मंडल नई संशोधित पुस्तक छपवा कर दे

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश उपाध्यक्ष ऋषिन चौबीसा, प्रवक्ता राजेन्द्रसिंह चौहान एवं जिलाध्यक्ष बलवंत बामणिया ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने नए संभाग एवं जिलों का गठन किया था, लेकिन आचार संहिता के चलते शिक्षा विभाग में धरातल पर लागू नहीं किया। मौजूदा प्रदेश सरकार ने कमेटी गठन कर जिलों के पुनर्गठन का कार्य करने की बात की है। शिक्षकों को अब यह समझ नहीं आ रहा है कि बच्चों को राजस्थान का नया नक्शा पढ़ाना है या प्रदेश का पुराना स्वरूप ही बताना है। ऐसे में शिक्षकों को विभाग से निर्देशों की दरकार है। साथ ही मंडल को नई संशोधित पुस्तक मुद्रण करवा कर देनी चाहिए।