कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे छात्राओं का प्रदर्शन, विनोद जाखड़ बोले- विवि प्रशासन का रवैया तानाशाही

कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे छात्राओं का प्रदर्शन, विनोद जाखड़ बोले- विवि प्रशासन का रवैया तानाशाही
 
कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे छात्राओं का प्रदर्शन, विनोद जाखड़ बोले- विवि प्रशासन का रवैया तानाशाही

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्राओं का धरना-प्रदर्शन जारी है. गुरुवार रात भी छात्राएं कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन करती नजर आई. अब छात्राओं का यह प्रदर्शन और तेज हो सकता है. क्योंकि गुरुवार रात NSUI के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने आंदोलनरत छात्राओं से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद विनोद जाखड़ ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए. साथ ही कहा कि विवि प्रशासन का रवैया तानाशाही है. दरअसल राजस्थान विश्वविद्यालय के माही गर्ल्स हॉस्टल में नई वार्डन की नियुक्ति के मुद्दे पर छात्राएं कड़ाके की सर्दी में कुलपति सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. छात्राओं का कहना है कि यह नियुक्ति उनके हितों और भावनाओं के खिलाफ है.राजस्थान विश्वविद्यालय के माही गर्ल्स हॉस्टल में नई वार्डन की नियुक्ति को लेकर छात्राएं इस ठिठुरती सर्दी में कुलपति सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। दुर्भाग्यवश, इन छात्राओं की सुरक्षा के लिए न तो कोई महिला सुरक्षा गार्ड उपलब्ध है


प्रदर्शन स्थल पहुंच जाखड़ ने छात्राओं से जानी परेशानी

गुरुवार रात NSUI के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर छात्राओं से मुलाक़ात की. उन्होंने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा के लिए न तो कोई महिला सुरक्षा गार्ड उपलब्ध है और न ही अन्य बुनियादी आवश्यक सुविधाएं हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन का अब तक कोई भी प्रतिनिधि इन छात्राओं से मिलने नहीं पहुंचा है, जो प्रशासन की संवेदनहीनता और तानाशाही रवैये को दर्शाता है. विनोद जाखड़ ने विश्वविद्यालय प्रशासन व सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आखिर कब तक प्रशासन का यह तानाशाही रवैया जारी रहेगा और छात्राओं के साथ इस प्रकार का अन्याय होगा?

जाखड़ बोले- मांग पूरी नहीं हुई तो NSUI छेड़ेगा आंदोलन

पूर्व में भी इसी वार्डन के भेदभावपूर्ण और तानाशाही रवैये के खिलाफ छात्राओं ने प्रदर्शन किया था, जिसके बाद उन्हें हटाया गया था. लेकिन अब फिर से उसी वार्डन की नियुक्ति कर दी गई है, जो छात्राओं के साथ अन्याय है.जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन छात्राओं की मांगों को पूरा नहीं करता, तब तक NSUI उनके साथ मजबूती से खड़ी रहेगी. यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो NSUI बड़े स्तर पर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी.