इस बच्चे ने बनाया ऐसा डिवाइस, न नींद आने पर होगा कार एक्सीडेंट, न कर पाएंगे सुसाइड

इस बच्चे ने बनाया ऐसा डिवाइस, न नींद आने पर होगा कार एक्सीडेंट, न कर पाएंगे सुसाइड
 
इस बच्चे ने बनाया ऐसा डिवाइस, न नींद आने पर होगा कार एक्सीडेंट, न कर पाएंगे सुसाइड

भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क , हाल ही में राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेशभर के छात्रों ने विभिन्न विज्ञान से संबंधित मॉडल प्रस्तुत किए। इस प्रदर्शनी में धौलपुर जिले के छात्रों के मॉडल ने खास पहचान बनाई। धौलपुर के संस्कार एकेडमी के आठवीं कक्षा के छात्र अलक शरीफी ने एक अद्भुत ...एंटी स्लिप गॉगल... मॉडल तैयार किया, जिसे नींद की झपकी आने पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनाया गया था। इस गॉगल का उद्देश्य ड्राइवर को झपकी आने से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाना है।

ड्राइवर आ गोई नींद तो ऑटोमैटिक गाड़ी में लग जाएगा ब्रेक

अलक ने बताया कि जब ड्राइवर को झपकी आती है, तो इस गॉगल में लगे सेंसर से अलार्म बजने लगता है। अगर ड्राइवर की आँखें नहीं खुलतीं, तो गॉगल से पानी छिड़कने की व्यवस्था होती है। इसके बाद भी अगर ड्राइवर नहीं जागता है, तो गाड़ी अपने आप ब्रेक लगाकर रुक जाती है। यह मॉडल सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक कारगर उपाय हो सकता है।

हेलमेट में ऐसी चिप, जिसे पहनने पर ही स्टार्ट होगी बाइक

इस मॉडल को राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में दूसरा स्थान मिला और अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया जाएगा। वहीं, बाइक राइडर्स के लिए एक और सुरक्षा उपकरण ..सेफ्टी हेलमेट.. को भी सराहा गया। इस हेलमेट में एक चिप लगी होती है, जो बाइक की स्टार्टिंग बेल्ट से जुड़ी होती है और हेलमेट नहीं पहने जाने पर बाइक स्टार्ट नहीं होती।

सुसाइड और डिप्रेशन के लिए बनाया अनोखा पंखा

इसके अलावा इकरा स्कूल की छात्रा अनन्या यादव ने मानसिक तनाव और आत्महत्या रोकने के लिए एक स्प्रिंग लोडेड पंखा बनाया। जिसने प्रदर्शनी में तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस पंखे का उद्देश्य मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति को आत्महत्या करने से रोकना है। पंखा व्यक्ति के वजन के अनुसार अलार्म बजाता है और व्यक्ति को आत्महत्या से रोकने में मदद करता है।

जो काम सरकार को करना चाहिए वो इन बच्चों ने किया

इन दोनों मॉडल्स ने न केवल अपनी तकनीकी क्षमता से ध्यान आकर्षित किया, बल्कि सामाजिक समस्याओं के समाधान के रूप में भी महत्व हासिल किया। अब ये दोनों मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किए जाएंगे। लोगों का कहना था कि जो काम सरकार को करना चाहिए वो काम ये बच्चे कर रहे हैं। अब इनके आविष्कार को उचित जगह मिलनी ही चाहिए, जिससे लोगों को भला हो सके।