Udaipur इस वर्ष जिले से 1307 वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा पर जाएंगे

Udaipur इस वर्ष जिले से 1307 वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा पर जाएंगे
 
Udaipur इस वर्ष जिले से 1307 वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा पर जाएंगे

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर देवस्थान विभाग की ओर से वर्ष 2024 में तीर्थ यात्रा के लिए सोमवार को लॉटरी के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों का चयन कर लिया गया है। उदयपुर जिले से विभाग की ओर से इस बार 1307 वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा कराई जाएगी। इनमें से 218 यात्री फ्लाइट के जरिए नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर दर्जन के लिए जाएंगे।विभाग ने बताया कि इस बार जिले में 5358 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। इसमें से 9223 वरिष्ठ नागरिक (एक आवेदन पर पति-पत्नी के होने से यह संख्या आवेदन से ज्यादा है।) थे। सोमवार को सुबह 10:30 बजे कलेक्ट्री में एडीएम दीपेंद्र सिंह राठौड़ ने ऑनलाइन लॉटरी निकाली। इसमें 1089 वरिष्ठ नागरिकों का 15 जगहों की तीर्थ यात्रा करने के लिए चयनित किया गया। ये यात्री ट्रेन के जरिये तीर्थ यात्रा करेंगे।

बाकी 218 को हवाई यात्रा के जरिये नेपाल जाने का मौका मिलेगा। सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने बताया कि 2023 में तत्कालीन सरकार ने यात्रियों का चयन लॉटरी से नहीं करने का निर्देश दिया था। दरअसल, 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव के चलते तत्कालीन सरकार चाहती थी कि जिन यात्रियों को 2021-22 में यात्रा का मौका नहीं मिला था, उन्हें भी यात्रा करने का मौका दिया जाए। इसके चलते देवस्थान विभाग ने लॉटरी नहीं कराई थी।फिलहाल, 30 सितंबर को प्रदेश के कुछ जिलों में ही लॉटरी निकाली गई। बाकी जिलों में 1 और 2 अक्टूबर को यात्रियों का चयन लॉटरी से किया जाएगा। उदयपुर में यात्रियों का चयन करते समय सीएमएचओ डॉ. शंकरलाल बामणिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माधुरी वर्मा और विभागीय अधिकारी आदि मौजूद रहे।

रेल-फ्लाइट से इन तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाएगा विभाग

रेल द्वारा यात्रा रामेश्वर मदुराई, जगन्नाथपुरी, तिरुपति, द्वारकापुरी-सोमनाथ, वैष्णोदेवी-अमृतसर, प्रयागराज-वाराणसी, मथुरा-वृंदावन-बरसाना, सम्मेद शिखर पावापुरी-वैद्यनाथ, उज्जैन-ओंकारेश्वर, गंगासागर, कामाख्या, हरिद्वार-ऋषिकेश, मथुरा-अयोध्या, बिहार शरीफ, वेलकॉनी चर्च तमिलनाडु आदि के साथ ही हवाई यात्रा पशुपति नाथ, काठमांडू नेपाल की यात्रा कराई जाएगी। हालांकि उपरोक्त स्थानों के संबंध में तीर्थ यात्रियों की संख्या कितनी रहती है, उस आधार पर स्थान बदले भी जा सकेंगे। इसमें कुछ नए तीर्थ स्थल जोड़े भी जा सकते हैं। ये स्थान अंतिम रूप से फाइनल नहीं हैं।