Udaipur किसानों को मिलेगी 11 अंकों की विशेष आईडी, बार-बार सत्यापन की जरूरत नहीं

Udaipur किसानों को मिलेगी 11 अंकों की विशेष आईडी, बार-बार सत्यापन की जरूरत नहीं
 
Udaipur किसानों को मिलेगी 11 अंकों की विशेष आईडी, बार-बार सत्यापन की जरूरत नहीं

उदयपुर न्यूज़ डेस्क , उदयपुर  प्रदेश में अब किसानों को सरकारी योजनाओं से फायदे लेने के लिए 11 डिजिट का नंबर मिलेगा। इसके लिए उनको फार्मर रजिस्ट्री पर पंजीयन कराना होगा और यह अनिवार्य होगा। ऐसा करने के बाद उनको बार-बार सत्यापन कराने की नौबत भी नहीं होगी। इसके लिए पूरे राजस्थान में पांच फरवरी से अभियान शुरू किया जाएगा।राज्य के किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का सुगमता पूर्वक लाभ पहुंचाने की मंशा से 5 फरवरी से एग्री स्टैक योजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। इसके लिए पंचायतों में शिविरों का आयोजन किया जाएगा और वहां पर किसानों की फार्मर रजिस्ट्री करते हुए उन्हें 11 डिजिट की विशेष आईडी जारी की जाएगी।इन शिविरों में ज्यादा से ज्यादा किसानों की डिजिटल फार्मर आईडी बनाने के लिए स्थानीय किसानों को प्रेरित करनी होगा। फार्मर डिजिटल आईडी से निकट भविष्य में किसानों को कई लाभ होंगे।

एग्रीस्टैक- डिजिटल एग्रीकल्चर परियोजना का उद्देश्य समझे

किसान योजनाओं का लाभ कृषक डिजिटली प्राप्त कर सकेंगे। भारत सरकार की एग्री स्टैक- डिजिटल एग्रीकल्चर परियोजना का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि आदान, स्थानीकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह और बाजारों तक पहुंच को आसान बनाना है। साथ ही सरकार के विभिन्न हितधारकों द्वारा किसान और कृषि केंद्रित विभिन्न लाभदायी योजनाओं को लागू करना और किसानो को आसानी से उपलब्ध कराना हैं। इसके तहत फार्मर रजिस्ट्री की जाएगी। इसमें प्रदेश के कृषक विवरण को एग्री स्टैक के अंतर्गत तैयार कर डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा। एग्री स्टैक में किसानों को किसान पहचान पत्र प्रदान किया जाएगा, यह किसानों की 11 डिजिट की एक अलग पहचान होगी। इससे कृषकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सुविधा रहेगी।

यह जानकारी चाहिए फार्मर रजिस्ट्री के लिए
ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर लगने वाले फार्मर रजिस्ट्री शिविरों में एप/वेब एप्लीकेशन के माध्यम से कृषक के सभी खसरों को सम्मिलित करते हुए कृषक के आधार से लिंक कराया जाएगा। तत्पश्चात कृषक से ऑनलाइन सहमति प्राप्त करते हुए ई-केवाईसी की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रकार प्रत्येक किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले समस्त खसरा संख्या, सह खातेदार होने की स्थिति में खसरे में किसान का हिस्सा, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, ई- केवाईसी विवरण की आवश्यकता रहेगी।


कलेक्टर बोले, बढ़ चढ़कर कराए पंजीयन
उदयपुर कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी को निर्देश दिए है और इस संबंध में आज जिले के अधिकारियों की बैठक भी ली। जिले में विभिन्न पंचायत मुख्यालयों पर बुधवार से आयोजित हो रहे फार्मर रजिस्ट्री शिविरों के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। अभियान में किसान भी बढ़ चढ़कर अपना पंजीयन कराए ताकि उनको सरकारी योजनाओं का फायदा मिलने में सुविधा रहेगी।

उदयपुर में पहले चरण में यहां होंगे शिविर

अभियान के प्रथम चरण में जिले की सभी तहसीलों की चयनित दो-दो ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर 5 से 7 फरवरी तक (तीन दिवसीय) शिविर होंगे। इसमें बुधवार से बारापाल तहसील की सरूपाल व सरू, बड़गांव की वरड़ा व कैलाशपुरी, कानोड़ की अमरपुरा (जा.) व आकोला, खेरवाड़ा की करनाउवा व बंजारिया, नयागांव की नयागांव व कनबई एवं मावली की डबोक व भीमल पंचायत में शिविर होगा।इसी प्रकार कोटड़ा तहसील अंतर्गत कोटड़ा व खजूरिया, वल्लभनगर की दरोली व मजावड़ा, घासा की घासा व मांगथला, फलासिया की आमीवाड़ा व आमोड़, गोगुन्दा की विजयबावड़ी व गोगुन्दा, गिर्वा की तितरड़ी व धोल की पाटी, भीण्डर की बरोडिया व अमरपुरा (खा.) पंचायतों में शिविर आयोजित होंगे।झाड़ोल की मगवास व बदराणा, कुराबड़ की शिशवी व बसु, सायरा की पुनावली व करदा तथा ऋषभदेव तहसील की ग्राम पंचायत बरना व भरदा पंचायतों में शिविर आयोजित होंगे। शेष ग्राम पंचायतों में भी आगामी दिनों में शिविर प्रस्तावित हैं।

फसल बीमा का लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी।

आपदा प्रबंधन के अंतर्गत सरकार को क्षतिपूर्ति के लिए कृषकों के चिह्नांकन में सहायता मिलेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में कृषकों का ऑटो पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से हो सकेगा।
लाभार्थी को बार-बार सत्यापन नहीं कराना पड़ेगा।कृषकों को आवश्यकतानुसार परामर्श लेने में भी आसानी रहेगी।