Jaipur ये कैसा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल यहां ट्रांसप्लांट होता, जांच नहीं

Jaipur ये कैसा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल यहां ट्रांसप्लांट होता, जांच नहीं
 
Jaipur ये कैसा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल यहां ट्रांसप्लांट होता, जांच नहीं
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर   एसएमएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ढाई साल बीतने के बाद भी लैब की सुविधा शुरू नहीं हो पाई है। इसका खमियाजा सबसे ज्यादा उन मरीजों को भुगतना पड़ रहा है, जो गंभीर हालत में आते हैं। एसएमएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण 200 करोड़ की लागत से किया गया था, ताकि मरीजों को एक ही छत के नीचे संपूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जा सके। लेकिन अस्पताल में अभी तक लैब की सुविधा यहां शुरू नहीं हो पाई है। इसकी वजह यह है कि लैब के लिए आवश्यक जांच मशीनें अब तक नहीं आई हैं। जहां यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी जैसे विभाग की ओपीडी, आइपीडी, सर्जरी और ट्रांसप्लांट हो रहे हैं, वहीं लैब की सुविधा की अनदेखी की जा रही है। यहां लैब के नाम पर केवल एक कलेक्शन सेंटर ही संचालित हो रहा है, जहां से रोजाना एक हजार से ज्यादा सैंपल एसएमएस अस्पताल की सेंट्रल लैब में भेजे जा रहे हैं।

अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में ओपीडी का समय समाप्त होने के बाद यूरोलॉजी, गैस्ट्रो और नेफ्रोलॉजी के गंभीर मरीजों को इलाज के लिए लाया जाता है। इनमें से कई मरीजों को किडनी और लिवर फेल्योर जैसी गंभीर समस्याएं होती हैं, जिनमें तत्काल जांच की आवश्यकता होती है। ऐसे में, मरीजों के परिजनों को सैंपल तुरंत दे दिए जाते हैं। ऐसे मामलों में ज्यादातर मरीजों को निजी लैबों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, क्योंकि एसएमएस में लैब नहीं होने के कारण उन्हें वहां जाने में समय लगता है और रिपोर्ट तुरंत नहीं मिल पाती।

लैब शुरू होने में आ रही परेशानी: पड़ताल में यह भी पाया गया कि अस्पताल का निर्माण केंद्र सरकार द्वारा कराया गया है और लैब की मशीनें भी केंद्र सरकार द्वारा भेजी जानी थीं। लेकिन इसमें लगातार देरी हो रही है।

मशीनें दिल्ली से आनी हैं और इसके लिए हम प्रयासरत हैं। हालांकि, मरीजों को कोई समस्या न हो, इसलिए हम सैंपल एसएमएस भेज ही रहे हैं। हम जल्द ही इसका कोई समाधान निकालेंगे।