राजस्थान में सोनिया गांधी को राज्यसभा क्यों भेजना चाहती है Congress, आखिर क्या इसके पीछे के सियासी मायने?

राजस्थान में सोनिया गांधी को राज्यसभा क्यों भेजना चाहती है Congress, आखिर क्या इसके पीछे के सियासी मायने?
 
राजस्थान में सोनिया गांधी को राज्यसभा क्यों भेजना चाहती है Congress, आखिर क्या इसके पीछे के सियासी मायने?

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में कांग्रेस एक सीट पर राज्यसभा चुनाव जीतने की स्थिति में है. ऐसे में यहां पर कई दिग्गज नेता दिल्ली जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं. मगर, अब यहां पर 'गुटबाजी' की शुरुआत हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, यहां पर कई स्थानीय नेता चाहते हैं कि मनमोहन सिंह की जगह किसी स्थानीय नेता को भेजा जाए. इसलिए यहां पर क्षेत्रवार कई नेताओं का नाम सामने आ रहा है. 

जब दिल्ली में बैठक हुई थी तो उसमें भी कई नेताओं ने सोनिया गांधी के नाम पर सहमति दी थी. मगर, अब यहां पर कई क्षेत्रीय नेताओं ने अपना नाम चलवा दिया है. इससे प्रदेश में कांग्रेस की लीडरशिप पशोपेश में है. आखिर, जब दिल्ली में सोनिया गांधी के नाम पर सहमति बन रही थी तो अचानक से यहां पर स्थानीय नेताओं का नाम कैसे आ गया? इसलिए खुलकर नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष अब सामने आ गए हैं. उन्होंने सोनिया गांधी के लिए बयान दिया है. इसके पीछे बड़ी सियासी कहानी है. 

टीकाराम जूली और गोविंद डोटासरा एक साथ? 

टीकाराम जूली को पिछ्ले महीने कांग्रेस ने राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष बनाया है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव को देखते हुए गोविंद सिंह डोटासरा को अध्यक्ष पद पर आगे के लिए बनाए रखा गया. इसके बाद से यहां पर कांग्रेस के कई नेता 'परेशान' हैं. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यहां पर एकजुटता दिखाने के लिए जूली और डोटासरा ने एक साथ सोनिया गांधी के नाम पर सहमति बना ली है.   सोमवार 12 फरवरी को नेता प्रतिपक्ष जूली ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मांग की है कि सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजा जाए. इससे यहां पर कांग्रेस के नेताओं में खुशी होगी. कुछ ऐसा ही प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने भी कहा है. 

सोनिया गांधी के नाम पर 'सन्नाटा' 

12 फरवरी के इस प्रस्ताव के बाद अब कांग्रेस में कोई भी सुगबुगाहट नहीं है. सोनिया गांधी के नाम पर कांग्रेस में सन्नाटा है. सब सहमत दिख रहे हैं. मगर, इस पर दिल्ली क्या फैसला लेगी यह देखने वाली बात रहेगी. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर यहां से सोनिया गांधी नहीं जाती हैं तो किसी एसटी वर्ग को यहां से कांग्रेस भेज सकती है. हालांकि, अभी नाम पर सहमति या चर्चा नहीं हो पाई है.