Nagaur ग्रामीण क्षेत्रों में युवा सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने की सबसे अधिक संभावना

Nagaur ग्रामीण क्षेत्रों में युवा सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने की सबसे अधिक संभावना
 
Nagaur ग्रामीण क्षेत्रों में युवा सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने की सबसे अधिक संभावना
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर सड़क दुघर्टना का मुख्य कारण सड़क सुरक्षा नियमों की पालना नहीं करना है। विशेषज्ञों का कहना है कि सड़कों पर थोडा बहुत जो अनुशासन दिखाई देता है, वह ज्यादातर शहरी इलाकों में है। ग्रामीण इलाकों में राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों तक में अवैध कट बना रखे हैं तेज रफ्तार में बाइक चलाना, मोबाइल पर बात करना, शराब पीकर गाड़ी चलाना - हेड लाइट खराब होने पर भी गाड़ी चलाना, गलत साइड से ओवरटेक करना आदि दुर्घटना के कारण बनते हैं। रियांश्यामदास सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में पिछले 6 महिनों में काफी दुर्घटनाएं हुई है। गोटन थाना क्षेत्र में हुई 6 बड़ी सड़क दुघर्टना में 5 घरों के चिराग बुझ गए। मेड़ता रोड थाना क्षेत्र में 12 बड़ी सड़क दुघर्टना हुई, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई तथा दर्जन भर लोग घायल हुए। मेड़ता सीआई प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि मेड़ता सिटी थाना क्षेत्र में पिछले 6 माह में 18 बड़ी दुर्घटना हुई, जिसमें 12 लोगों की मौत व 20 से ज्यादा को घायल होने पर रेफर किया। कुचेरा थाना क्षेत्र के रुण व आसपास के गांवों में 11 बड़ी दुर्घटना में 12 लोगों की जान गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेड़ता सिटी में पिछले 6 माह में 280 दुर्घटना के मामले आए। इसी तरह मेड़ता रोड सीएचसी में 49 केस आए गोटन सीएचसी में 15 दुघर्टना केस आए।

शहरों में आबादी व वाहन ज्यादा फिर भी हादसे ग्रामीण इलाकों में अधिक

ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा युवा मौत के शिकार हो रहे हैं। जिलेभर में होने वाली सड़क दुर्घटना में ग्रामीण क्षेत्र पहले स्थान पर है । आबादी भले ही शहरों में ज्यादा हो लेकिन दुर्घटनाएं गांवों में ज्यादा होती है। यह खुलासा अस्पताल व पुलिस की रिपोर्ट में हुआ है। युवाओं को गाड़ी चलाते हुए बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस के मुताबिक मरने वालों में सबसे ज्यादा बाइक चालक हैं। वे या तो हेलमेट नहीं पहने थे या फिर तेज रफ्तार में बाइक चला रहे थे। इसके अलावा खस्ता हालत सड़क, नियमों का उल्लंघन और दूसरे गाड़ी सवार की गलती से हुए हादसे में बाइक सवारों की मौत हुई है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नूर मोहम्मद का कहना है कि इन हादसों को रोका जा सकता है, अगर बाइक सवार व अन्य वाहन चालक थोड़ी सावधानी बरतें। घायल होने व मरने वालों में 60 प्रतिशत से ज्यादा युवा शामिल हैं। शहरी इलाकों में आबादी का अधिक घनत्व, वाहनों की ज्यादा संख्या और अधिक आवाजाही के बावजूद सड़क सुरक्षा को लेकर सबसे अधिक जोखिम ग्रामीण इलाकों में है। पूरे देश में ग्रामीण इलाकों में होने वाली सड़क दुर्घटनाएं और उनमें जान गंवाने वाले लोगों की संख्या शहरी क्षेत्रों के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है। लोग सड़क सुरक्षा के नियमों की अनदेखी करते हैं ।