इंटरनेशनल बेइज्जती करवाकर भी रोहित शर्मा कैसे बने महान, क्या ऐसा करने की हिम्मत जुटा सकेंगे विराट कोहली
क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 समाप्त हो गई है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 10 पारियों के बाद श्रृंखला 3-1 से जीत ली। ऑस्ट्रेलिया का यह दौरा भारतीय टीम के लिए बहुत बुरा रहा। टीम इंडिया ने इस दौरे से कई ऐसी यादें हासिल की हैं जिन्हें वह लंबे समय तक नहीं भूल पाएगी। इन सभी घटनाओं के साथ-साथ कप्तान होने के बावजूद खराब बल्लेबाजी और रोहित शर्मा को प्लेइंग इलेवन से बाहर किए जाने ने भारतीय क्रिकेट को हिलाकर रख दिया। हालाँकि, जिस तरह से चीजें नियंत्रण से बाहर होती दिख रही थीं, उससे कहीं बेहतर तरीके से निपटा गया।
खासकर कप्तान रोहित शर्मा ने दुनिया के सामने उन सभी अफवाहों का खंडन किया, जिससे भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में खलबली मच गई थी। ऐसे में अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या विराट कोहली के कद का कोई खिलाड़ी रोहित शर्मा जैसा साहस दिखा पाएगा। यह सवाल इसलिए भी उठता है क्योंकि सिर्फ रोहित शर्मा ही खराब फॉर्म से नहीं गुजर रहे हैं। इस सीरीज में विराट कोहली का बल्ला भी पूरी तरह खामोश रहा। ऐसे में सारा दोष सिर्फ रोहित पर ही क्यों आया, क्या विराट कोहली इसके हकदार नहीं थे?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपमान के बावजूद रोहित कैसे बने महान?
सिडनी टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया में उथल-पुथल का माहौल था। कप्तान रोहित शर्मा के बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे। ऐसे में उनकी जगह शुभमन गिल को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया और जसप्रीत बुमराह ने टीम की कमान संभाली। इस घटना के कारण कई तरह की अफवाहें सामने आ रही थीं कि टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने रोहित शर्मा को बाहर कर दिया है। रोहित के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है। अगर रोहित को बतौर खिलाड़ी टीम से बाहर किया जाता तो शायद उनके लिए यह बात पचाना आसान होता, लेकिन कप्तान होने के नाते उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर किया गया, जो अपने आप में बड़ी बात है।
रोहित शर्मा कहें या न कहें, उनके दिल में दर्द जरूर होगा और यह उनके लिए किसी अंतरराष्ट्रीय अपमान से कम नहीं है। हालांकि, रोहित खुद इन सभी अफवाहों पर पूर्ण विराम लगाते नजर आए और कहा कि उन्हें किसी ने टीम से नहीं निकाला बल्कि उन्होंने खुद यह फैसला लिया है। मेरा बल्ला नहीं चलता. रन नहीं बन रहे हैं. ऐसी स्थिति में टीम को प्राथमिकता देते हुए मैंने खुद को सिडनी टेस्ट से दूर रखने का फैसला किया। इस बयान के बाद रोहित की तारीफ हुई और उन्हें सच्चा लीडर कहा गया क्योंकि उन्होंने अपने निजी हितों को किनारे रखकर पहले टीम के बारे में सोचा।
आपको सुनना होगा... हार का दर्द जसप्रीत बुमराह के चेहरे पर साफ दिख रहा था, उन्होंने बिना नाम लिए ही सारी बातें कह दीं।
क्या विराट कोहली ऐसा साहस दिखा सकते हैं?
रोहित शर्मा ने टीम इंडिया के लिए जो किया है वह अपने आप में सराहनीय है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या विराट कोहली वैसा ही कर पाएंगे, जैसा रोहित शर्मा को खराब फॉर्म के चलते टीम से बाहर कर दिया गया था? जिस तरह से रोहित शर्मा तीन टेस्ट मैचों में सिर्फ 31 रन ही बना सके, उससे उनकी काफी आलोचना हुई। विराट कोहली भी ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान ऐसी ही स्थिति में थे।
इस सीरीज में विराट कोहली का प्रदर्शन देखकर लगता है कि यह बेहद शर्मनाक है। पर्थ टेस्ट मैच की दूसरी पारी को छोड़ दें तो विराट इस पूरी सीरीज की 8 पारियों में सिर्फ 90 रन ही बना सके। विराट ने पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में 100 रन बनाए। ऐसे में क्या रोहित शर्मा की तरह विराट कोहली को भी खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।