नीतीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न में मचाया धमाल, बवाल रहा सेलिब्रेशन...पिता की भी आंखो से छलके आंसू

नीतीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न में मचाया धमाल, बवाल रहा सेलिब्रेशन...पिता की भी आंखो से छलके आंसू
 
नीतीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न में मचाया धमाल, बवाल रहा सेलिब्रेशन...पिता की भी आंखो से छलके आंसू

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। भारत के युवा ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर अपना नाम बना लिया। उन्होंने 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के चौथे मैच में विस्फोटक शतक जड़ा। नीतीश ने अपने करियर का पहला शतक 50 हजार से अधिक दर्शकों के सामने बनाया। इस सीरीज में पदार्पण करने वाले इस खिलाड़ी ने अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को झुकने पर मजबूर कर दिया। शतक बनाने के बाद नीतीश ने यादगार जश्न मनाया।

नीतीश का भव्य जश्न

115वें ओवर की तीसरी गेंद पर नीतीश ने स्कॉट बोलैंड को चौका लगाया। उन्होंने आगे की ओर शॉट मारकर अपना शतक पूरा किया। इसके बाद नितीश ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर एक हाथ से अपना बल्ला उठाया और दूसरे हाथ से उस पर अपना हेलमेट टांग दिया। इसके बाद उन्होंने एक हाथ में हेलमेट और दूसरे हाथ में बल्ला थामकर दर्शकों की तालियां बटोरीं। वहीं, स्टेडियम में मौजूद क्रिकेट प्रशंसकों ने भी खड़े होकर उनका स्वागत किया।

सिराज ने की मदद


नीतीश के साथ दूसरे छोर पर खड़े मोहम्मद सिराज ने उनका भरपूर साथ दिया। जब टीम इंडिया ने 9 विकेट गंवा दिए थे तब नीतीश 99 रन के स्कोर पर थे। सिराज ने पैट कमिंस की तीन गेंदों का सामना किया। उन्होंने इन तीनों का दृढ़ता से सामना किया। इसके बाद दूसरे ओवर में बोलैंड गेंदबाजी करने आए। तीसरी गेंद पर नीतीश ने आगे की तरफ शॉट लगाकर अपना शतक पूरा किया।

पिता के आंसू

नीतीश के पिता मुत्याला रेड्डी स्टेडियम में मौजूद थे। अपने बेटे के शतक बनाने पर वह रोने लगे। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने उनसे बात की। मुत्याला ने कहा, "यह हमारे परिवार के लिए एक विशेष दिन है और हम इस दिन को अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकते।" वह 14-15 साल की उम्र से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह बहुत खास अहसास है।'' जब नीतीश 99 रन पर थे और टीम का एक विकेट बचा था तो उनकी भावना क्या थी? इस बारे में मुत्याला ने कहा, "मैं बहुत तनाव में था।" केवल अंतिम विकेट ही बचा था। सौभाग्यवश मोहम्मद सिराज बच गये।