अब राजस्थान के 20 हजार शिक्षक वेतन के लिए काट रहे दूसरे स्कूलों व जिलों में चक्कर
वेतन के लिए हर माह स्कूल तलाश रहे हैं
सरप्लस शिक्षक अब वेतन व्यवस्था के लिए हर महीने पहली रिक्तियों वाले स्कूलों की तलाश कर रहे हैं। इसके बाद वेतन व्यवस्था के लिए सीबीईओ के माध्यम से नियुक्ति अधिकारी को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑर्डर बनने के बाद वे अपनी सर्विस बुक लेकर उस स्कूल में जाते हैं और वेतन पाने की कोशिश करते हैं. यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब वेतन बढ़ाने के बाद कोई अन्य शिक्षक उस पद पर नियुक्ति ले लेता है। क्योंकि फिर सरप्लस शिक्षक को वेतन के लिए दोबारा नए स्कूल की तलाश करनी पड़ती है। सीकर में ज्यादा दिक्कत सरप्लस शिक्षकों की सबसे बड़ी समस्या सीकर जैसे जिलों में है। यहां तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों पर 1304 नये शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. महात्मा गांधी स्कूलों में आये 200 नये शिक्षक। ऐसे में जब पदों की संख्या उससे ज्यादा हो तो उनकी वेतन व्यवस्था बिगड़ गई है. सीकर जिले में करीब 500 तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित कुल एक हजार से अधिक शिक्षकों को वेतन के लिए हर माह जुगाड़ जुटाना पड़ता है.
क्रमोन्नत विद्यालयों में पदों की वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं होने, चार सत्रों की डीपीसी बकाया होने से रिक्तियों का संतुलन बिगड़ गया है। इससे हजारों शिक्षकों की वेतन व्यवस्था में प्रशासनिक तंत्र की ऊर्जा अनावश्यक रूप से बर्बाद हो रही है। सरकार को जल्द डीपीसी और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों के साथ नए पदों की वित्तीय मंजूरी देकर कर व्यवस्था में सुधार करना चाहिए।