Agra सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं आगरा के अस्पताल,एक अस्पताल में सभी मानक सही मिले

Agra सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं आगरा के अस्पताल,एक अस्पताल में सभी मानक सही मिले
 
Agra सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं आगरा के अस्पताल,एक अस्पताल में सभी मानक सही मिले

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  अस्पतालों के फायर आडिट के दूसरे दिन छह इकाइयों का निरीक्षण किया गया. इनमें से तीन अस्पतालों में फायर एनओसी नहीं मिली. दो में एनओसी थी, लेकिन वहां उपकरण काम नहीं कर रहे थे. केवल एक अस्पताल मानकों पर खरा पाया गया. स्वास्थ्य और फायर विभाग की संयुक्त टीम ने रिपोर्ट सौंप दी है.

केवल दो ही दिनों में अस्पतालों की गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं. मुख्य रूप से फायर की अनापत्ति पर फोकस रखा जा रहा है. मोती हास्पिटल पर एनओसी थी, लेकिन वह किसी काम की नहीं पाई गई. कारण कि वहां लगे सभी अग्निरोधी उपकरण काम ही नहीं कर रहे थे. जबकि यहां आईसीयू भी चलाया जा रहा था. सिंघल अस्पताल का भी यही हाल था. यहं एनओसी थी, लेकिन परिसर को बढ़ा लिया गया है. इसकी एनओसी नहीं ली गई है, इसलिए मानकों की कमी पाई गई. रामबाग पर शकुंतला देवी क्लीनिक पर एनओसी नहीं पाई गई. जबकि यहां आईसीयू भी चलाया जा रहा है. यहीं के आकाश हास्पिटल पर भी फायर एनओसी नहीं थी. जबकि यह मुख्य चौराहे के पास बड़ा अस्पताल है. जिले का सबसे भीड़भाड़ वाला चौराहा भी रामबाग ही है. यहां आईसीयू चल रहा था, लेकिन कोई उपकरण काम करता नहीं पाया गया. जेएम हास्पिटल पर भी फायर एनओसी नहीं थी. यहां कोई मरीज नहीं मिला. स्टाफ भी नहीं था.

 निरीक्षण में केवल एक अस्पताल मानकों पर पूरा खरा उतरा. एसएम हास्पिटल पर फायर एनओसी, अच्छे और चलते उपकरण, भवन आदि के मानक भी ठीक पाए गए. इस तरह से देखा जाए तो 90 फीसदी अस्पताल आग के मुहाने पर हैं. तमाम में एनओसी नहीं है, जहां है वहां के अग्निशमन उपकरण काम नहीं कर रहे हैं. टीम में नोडल अधिकारी डा. जितेंद्र लवानिया, जिला निरीक्षक डा. जगपाल सिंह चाहर, फायर विभाग के एफएसओ संजय प्लेस, सोमदत्त सोनकर शामिल थे.

● मोती हास्पिटल बोदला-बिचपुरी रोड:- फायर एनओसी थी, लेकिन कोई अग्निशमन यंत्र काम नहीं कर रहा था. आईसीयू भी चलता पाया. 20 का पंजीकरण था, लेकिन 35 बेड डाले गए थे.

● सिंघल हास्पिटल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर बोदला:- फायर एनओसी थी, लेकिन नजदीक के भवन को भी अस्पताल में शामिल कर लिया गया है. आईसीयू में ही एनआईसीयू चलाया जा रहा था. दूसरी मंजिल पर मरीजों को रखने के लिए वार्ड था, लेकिन यह बाद में बनाया गया. चूंकि संचालक डा. योगेश सिंघल आईएमए के पदाधिकारी रहे हैं, इसलिए उन्होंने मौजूदा पदाधिकारी बुला लिए.

● शकुंतला देवी क्लीनिक एवं परामर्श केंद्र रामबाग:- फायर एनओसी नहीं थी. 10 की मंजूरी पर 20 बेड का अस्पताल पाया.

● आकाश हास्पिटल रामबाग:- फायर एनओसी नहीं थी. 15 की स्वीकृति पर 25 बेड का अस्पताल पाया. आईसीयू भी था. फायर के उपकरण खराब थे.

● डीआर, हास्पिटल शास्त्रत्त्ीपुरम:- फायर एनओसी नहीं थी. फायर के उपकरण थे, संचालक डाक्टर भी पाए गए. मरीज व स्टाफ नहीं था.

● एसएम हास्पिटल बोदला-सिकंदरा:- फायर एनओसी पाई गई. आईसीयू नहीं चल रहा था. सभी उपकरण भी ठीक पाए गए.

 

 

आगरा न्यूज़ डेस्क