Patna रामायण की प्रस्तुति के साथ बिहार रंगम का शुभारंभ
बिहार न्यूज़ डेस्क सांस्कृतिक संस्था ‘इमैजिनेशन’ की ओर से पांच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव ‘बिहार रंग महोत्सव बिहारंगम-2024’ का शुभारंभ रविवार को प्रेमचंद रंगशाला में हुआ. उद्घाटन मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन ने किया. उन्होंने कहा कि बिहार रंग महोत्सव इस बात का प्रतीक है कि बिहार के लोक कलाएं व नाटक विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रही है. डॉ. महेंद्र प्रसाद के ऊपर बनी डाक्यूमेंट्री दर्शकों को दिखाई गई. इसके बाद मध्य प्रदेश के रंग श्री लिटिल बैले ट्रुप के कलाकारों द्वारा नाटक रामायण का मंचन किया गया. शुरुआत से ही ‘रामायण’ अपनी मौलिकता और सांस्कृतिक समृद्धि के कारण अलग दिखता है. नाटक की कहानी मूल रामायण से ली गई है, पर इसे कठपुतली नृत्य के अनुरूप संक्षिप्त किया गया है. इसके बाद सृष्टि फाउंडेशन के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक ‘एक कुण्डी तो खड़कानी थी’ की प्रस्तुति की गई. उमेश शर्मा, रवि शंकर प्रसाद, उमेश शर्मा, प्रो. तपन कुमार शांडिल्य, प्रो. राकेश कुमार सिंह, प्रो. संतोष कुमार व अन्य थे.
मृत्तिकाशिल्प की बारीकियां सीखीं
कला एवं शिल्प महाविद्यालय पटना में रजा फाउंडेशन व पुनश्च के सहयोग से माटी-रे-माटी कार्यशाला हुई. मृत्तिकाशिल्प कार्यशाला के दूसरे दिन रविवार को सिरज सक्सेना ने शिल्प की बारीकियां बताईं.
चलने वाली कार्यशाला का उद्घाटन कला एवं शिल्प महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार पांडेय ने किया था. रविवार को पटना वीमेंस कॉलेज से 60-70 छात्राएं भी प्रशिक्षक यामिनी शर्मा के साथ कार्यशाला को देखने आईं थीं. इस दौरान शिल्प के विविध आयामों को प्रायोगिक तौर पर समझाया गया. वरिष्ठ कलाकार उमेश शर्मा,विशिष्ट अतिथि के रूप में कला समीक्षक विनय कुमार शामिल हुए. कार्यक्रम में संस्कृतिकर्मी विनोद कुमार, युवा कलाकार राकेश व अन्य थे.
पटना न्यूज़ डेस्क