Darjeeling पश्चिम बंगाल शिक्षाविदों के मंच ने ‘अपमानजनक टिप्पणी’ को लेकर राज्यपाल को कानूनी नोटिस भेजा

Darjeeling पश्चिम बंगाल शिक्षाविदों के मंच ने ‘अपमानजनक टिप्पणी’ को लेकर राज्यपाल को कानूनी नोटिस भेजा
 
Darjeeling पश्चिम बंगाल शिक्षाविदों के मंच ने ‘अपमानजनक टिप्पणी’ को लेकर राज्यपाल को कानूनी नोटिस भेजा

दार्जीलिंग न्यूज़ डेस्क ।। पश्चिम बंगाल के शिक्षाविदों के फोरम ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को दीवानी और आपराधिक मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है और उनसे राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतियों के बारे में उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए माफ़ी मांगने को कहा है। फोरम के सदस्यों ने दावा किया कि उन्होंने इसी मुद्दे पर उनके खिलाफ़ अदालत में मामला दायर करने से पहले उन्हें जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया था। 9 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिक्षाविदों के फोरम के सदस्य प्रो. ओमप्रकाश मिश्रा ने कहा कि आनंद बोस को पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में नहीं बल्कि राज्यपाल के रूप में कानून के तहत छूट प्राप्त है। पीड़ित पूर्व कुलपतियों ने मानहानि के मुआवजे के रूप में प्रत्येक सदस्य के लिए ₹50,00,000 का मुआवज़ा भी मांगा है। यह भी पढ़ें | पश्चिम बंगाल शिक्षा मंत्रालय ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए पैनल बनाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया

कानूनी नोटिस में कहा गया है, "7 सितंबर 2023 को कई चैनलों ने बंगाली भाषा में आपका भाषण प्रसारित किया, जिसमें आपने कहा कि कुछ कुलपति भ्रष्ट हैं, कुछ कुलपति छात्राओं को परेशान करते हैं और कुछ कुलपति विश्वविद्यालयों में राजनीतिक खेल खेलते हैं। आपने 8 सितंबर 2023 को इंडियन एक्सप्रेस को एक साक्षात्कार भी दिया है, जिसमें इसी तरह के आरोप लगाए गए हैं।"

उन्होंने कहा कि ऐसे साक्षात्कारों में राज्यपाल के आरोप "सरासर झूठ और भ्रामक" थे और उनका उद्देश्य पूर्व कुलपतियों के बारे में अफ़वाहें फैलाना था।

पिछले साल 14 सितंबर को भी फोरम ने इसी मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए श्री बोस को नोटिस भेजा था। उन्होंने उनके बयान को वापस लेने, माफ़ी मांगने और टिप्पणियों के लिए हर्जाना मांगा था।

वेस्ट बंगाल न्यूज़ डेस्क ।।