Dharmshala धर्मशाला अस्पताल के हाल बे​हाल… मरीजों को भी लंबी कतारों में किया जा रहा खड़ा

Dharmshala धर्मशाला अस्पताल के हाल बेहाल… मरीजों को भी लंबी कतारों में किया जा रहा खड़ा
 
Dharmshala धर्मशाला अस्पताल के हाल बे​हाल… मरीजों को भी लंबी कतारों में किया जा रहा खड़ा

धर्मशाला न्यूज़ डेस्क ।। स्मार्ट सिटी धर्मशाला के स्मार्ट जोनल अस्पताल की हालत इन दिनों बिगड़ती जा रही है। लंबे समय से अस्पताल में ओपीडी में जांच के लिए आने वाले मरीजों के लिए बैठने की व्यवस्था थी, लेकिन अब उन मरीजों को लंबी कतार में खड़ा कर दिया गया है। क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला से कोविड-19 समेत आवश्यक सेवाओं के लिए तैनात 43 वार्ड ब्वॉय और अन्य आउटसोर्स स्टाफ को बाहर कर दिया गया है। ऐसे में कांगड़ा के एक और बड़े स्वास्थ्य संस्थान का स्मार्ट सिस्टम महज शोपीस बनकर रह गया है। क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला को स्मार्ट सिटी का स्मार्ट अस्पताल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। इसके लिए बुनियादी ढांचे सहित स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता पर काफी काम किया गया है।


इसके चलते अस्पताल को राष्ट्रीय मानकों में अव्वल पाया गया है और हर साल मरीजों के आईपीडी बेड के आधार पर इसके रखरखाव और विकास के लिए केंद्र की ओर से लाखों रुपये का बजट दिया जाता है। लेकिन अब कुछ माह पहले जोनल अस्पताल से 43 आउटसोर्स कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया है। इसके बाद से सिस्टम हांफता नजर आ रहा है। अस्पतालों में मरीजों के लिए स्मार्ट नंबरिंग प्रणाली पिछले कई वर्षों से लागू है। इसके तहत अब तक ओपीडी में लंबी कतारों की बजाय नंबर के आधार पर मरीजों का परीक्षण किया जा रहा है। अस्पताल में रजिस्ट्रेशन पर्ची बनाने के बाद ओपीडी के संबंधित विभाग में मरीज की पर्ची दर्ज की गई और एक नंबर दिया गया। ओपीडी में मौजूद स्टाफ मशीन में नेक्स्ट दबाकर नंबरिंग सिस्टम को बनाए रखते थे, मरीजों की संख्या के अनुसार एक, दो, तीन आदि बारी आ रही थी, जिससे मरीज ओपीडी में पहुंच रहे थे। ओपीडी में उनके नंबर की सुविधा के अनुसार जांच की जाती थी, लेकिन अब सिस्टम उसी अव्यवस्था पर आ गया है, जैसा वर्षों पहले था, मरीज, बीमार, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे अब लंबी कतारों में खड़े होने को मजबूर हैं। अब स्मार्ट नंबरिंग सिस्टम के तहत मरीजों की पर्चियों पर नंबर लगाकर उनके नंबर के हिसाब से ओपीडी में बुलाने वाला स्टाफ भी गायब हो गया है। ओपीडी का स्मार्ट नंबर सिस्टम सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा है, सिर्फ वजन और पर्ची की ही एंट्री हो रही है, जबकि अस्पताल प्रबंधन द्वारा अति व्यस्त शिशु एवं अन्य ओपीडी में वैकल्पिक व्यवस्था के बावजूद महिलाओं को लंबी कतार में खड़ा होना पड़ रहा है. उनके बीमार बच्चे. अब लाइन से निकलकर जांच कराना मुश्किल हो गया है, जबकि पहले मरीज आसानी से अस्पताल पहुंचकर पर्ची में दिए गए नंबर के तहत जांच करा लेते थे। ऐसे में सिस्टम की इस अव्यवस्था से मरीज और लोग भी परेशान हो रहे हैं.

एसएमओ गाने
जोनल अस्पताल धर्मशाला के एसएमओ डॉ. सुनील भट्ट ने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों की कमी अब ओपीडी व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में दिक्कत पैदा कर रही है. इस मामले में सरकार को भी अवगत करा दिया गया है, ताकि उचित व्यवस्था कर व्यवस्था को फिर से सुचारु रूप से चलाया जा सके.

हिमाचल न्यूज़ डेस्क ।।