बिहार में बाढ़ से 'तबाही', पानी में डूबे 16 जिले, खतरे के निशान से ऊपर बह रही कोसी-गंडक
नदियों पर बने बाँध टूट गये
मोतिहारी के कुंडवा चैनपुर में सड़कें पानी से लबालब हैं. नेपाल में भारी बारिश के कारण बागमती नदी और लालबकेया नदी उफान पर है, जिसका असर बिहार में भी दिख रहा है. सड़कों पर 4 फीट तक पानी भर गया है. चैनपुर के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. इस सूची में हीरापुर, गुरहनवा, विराटा टोला, भवानीपुर, बलुआ और महंगुआ समेत कई गांवों के नाम शामिल हैं. बागमती नदी और लालबकेया नदी पर बना तटबंध बीती रात पानी के तेज बहाव के कारण अचानक टूट गया, जिससे नदियां उफान पर आ गईं. इससे चैनपुर समेत कई इलाकों में बाढ़ आ गयी.
तियर नदी ने लाल रूप धारण कर लिया
नेपाल में भारी बारिश का असर बिहार के अन्य इलाकों में भी दिख रहा है, जहां नदियों ने रौद्र रूप ले लिया है. गोलापकरिया में टीयर नदी पर बना एक पुल भी ढह गया. इससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है. प्रशासन यहां नया पुल भी बनवा रहा था, लेकिन पानी का तेज बहाव देखकर पुल का काम रोक दिया गया है. तियर नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, छपरा के तरियानी में भी तटबंध टूट गया है, जिससे दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. वहीं, सीतामढी के बेलसंड में भी तटबंध टूट गया है, जिससे बाढ़ का पानी गांवों में घुसने लगा है. बिहार के बेतिया से भी बड़ी खबर सामने आ रही है. लौरिया के नरकटियागंज की सड़कें भी तालाब बन गयी हैं. पानी के तेज बहाव को देखते हुए प्रशासन ने दोनों तरफ से लोगों की आवाजाही रोक दी है. यहां मौजूद सिकरहना नदी ने लाल रूप धारण कर लिया है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंडक बराज से भी 5.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे कई इलाके जलमग्न हो गये हैं.