Haridwar में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय चरित्र निर्माण की शिक्षा
हरिद्वार न्यूज़ डेस्क। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी डीम्ड विश्वविद्यालय चरित्र निर्माण की शिक्षा देने वाला पहला विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान करता है। विश्वविद्यालय 100 वर्षों से अधिक समय से ऐसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें स्वच्छता अभियान को जमीनी स्तर तक ले जाने का संकल्प लेना होगा। पर्यावरण को प्रदूषित करने में प्लास्टिक का योगदान किसी से छिपा नहीं है।गुरुकुल विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि हरिद्वार की भूमि दो रूपों में जानी जाती है। हरिद्वार का अर्थ है हरि या विष्णु का द्वार। उसी प्रकार हरद्वार भी भगवान शंकर का द्वार है। हमारे शास्त्रों में लिखा है कि भगवान विष्णु रक्षक हैं और शंकर संहारक हैं। जिससे इस पवित्र भूमि को स्वच्छ रखना सभी की जिम्मेदारी है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमलता के. उन्होंने कहा कि इस पवित्र भूमि पर महात्मा गांधी से लेकर प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों का पदार्पण हुआ है। मदन मोहन मालवीय ने यहीं से प्रेरणा लेकर बनारस विश्वविद्यालय की नींव रखी। ब्रिटिश सरकार ने कई बार अमर महात्मा स्वामी श्रद्धानन्द को विश्वविद्यालय चलाने के लिए ब्रिटिश सहायता देने का प्रलोभन दिया। देश की आजादी के लिए स्वामी श्रद्धानन्द ने विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों का पालन-पोषण किया जो देश की आजादी में सहायक बने।इस दौरान डॉ. अजय मलिक, डॉ. हिमांशु पंडित, प्रो. डीएस मलिक, प्रो. एलपी पुरोहित, प्रो. देवेन्द्र कुमार गुप्ता, प्रो. कर्मजीत भाटिया, प्रो. ब्रह्मदेव, प्रो. वीके सिंह, प्रो. सुरेंद्र त्यागी, प्रो. मुकेश कुमार, प्रो. सत्यदेव निगालंकर, प्रो. नमिता जोशी, प्रो. सुरेखा राणा, प्रो. सीमा शर्मा, प्रो. मुदिता अग्निहोत्री आदि मौजूद रहे।
उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क।।