पूर्व सांसद गजसिंह ने कहा, युवा पीढ़ी को संस्कृति से रू-ब-रू कराना जरूरी

युवा पीढ़ी को इतिहास और संस्कृति से रूबरू कराना जरूरी है, तभी हम संस्कृति, इतिहास और विरासत को बचा पाएंगे। यह विचार पूर्व सांसद एवं महरांगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी गजसिंह ने जोधपुर के 566वें स्थापना दिवस समारोह में व्यक्त किये........
 
पूर्व सांसद गजसिंह ने कहा, युवा पीढ़ी को संस्कृति से रू-ब-रू कराना जरूरी
जोधपुर न्यूज़ डेस्क !!! युवा पीढ़ी को इतिहास और संस्कृति से रूबरू कराना जरूरी है, तभी हम संस्कृति, इतिहास और विरासत को बचा पाएंगे। यह विचार पूर्व सांसद एवं महरांगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी गजसिंह ने जोधपुर के 566वें स्थापना दिवस समारोह में व्यक्त किये. महरांगढ़ में रसोलाई तालाब के सामने आयोजित समारोह में अध्यक्षीय भाषण देते हुए गजसिंह ने कहा कि समय के साथ घरों में आधुनिकता लाएं, लेकिन उसका बाहरी स्वरूप बरकरार रखें। उन्होंने किला रोड पर हो रहे अतिक्रमण पर भी चिंता जताई। राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने और राजस्थानी भाषा को राज्य की दूसरी भाषा का दर्जा देने पर जोर दिया. समारोह में राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी सहित 18 हस्तियों को मारवाड़ रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

अपनापन, मधुर वाणी, संस्कार ही यहां की बुनियाद है

समारोह के मुख्य अतिथि सूरसागर विधायक देवेन्द्र जोशी ने कहा कि हमारे संस्कार हमारी मातृभाषा में ही विद्यमान हैं। मातृभाषा लुप्त हो गई तो संस्कार लुप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्थान की नींव में स्थान की स्वीकृति, मधुर वाणी, संस्कार विद्यमान होते हैं। उन्होंने मारवाड़ में बढ़ती नशे की गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की. जोधपुर स्थापना दिवस समिति सचिव प्रो. जहूर खान मेहर ने स्वागत भाषण दिया। अंत में महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश अनुसंधान केन्द्र के सहायक निदेशक डाॅ. महेंद्र सिंह तंवर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर सैनाचार्य स्वामी अचलानन्द गिरि महाराज, जोधपुर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन नेमीचंद ने किया।


चिकित्सा, शिक्षा, खेल, लेखन समेत कई क्षेत्रों में दिए गए सम्मान

राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक एवं लेखक गुलाब कोठारी को शिक्षा, साहित्य एवं लेखन के क्षेत्र में योगदान के लिए महाराजा मानसिंह सम्मान से सम्मानित किया गया। राजस्थान पत्रिका के जोधपुर संस्करण के प्रभारी संपादक अभिषेक सिंघल ने कोठारी की ओर से पुरस्कार स्वीकार किया। गरिमामय माहौल में आयोजित समारोह के दौरान चिकित्सा क्षेत्र के डाॅ. राव सीहा पुरस्कार भीम सेन ङ्क्षसघल को, महाराजा सर प्रताप सिंह पुरस्कार लेडी हेलेन हैमलिन को मारवाड़ में स्थायी महत्व की सेवाओं के लिए, राव जोधा पुरस्कार सामाजिक सेवा में राजेंद्र परिहार को, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रो. (डॉ.) मनोज चौधरी को महाराजा हनवंतसिंह पुरस्कार, ब्रिगेडियर विक्रम शेखावत को असाधारण वीरता के लिए मेजर दलपतसिंह (एमसी) पुरस्कार, संग्रहालय विज्ञान के लिए सब्यसाची मुखर्जी को कुंवर करणीसिंह जसोल पुरस्कार, लोक संगीत के लिए दिव्या भाटिया को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार लोक गायन के क्षेत्र में इला अरुण को महाराजा विजय सिंह सम्मान, प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के लिए पुष्पेन्द्र सिंह चौहान को एच.एच. सम्मान से सम्मानित किया गया। महाराजा उम्मेद सिंह पुरस्कार, महिला सशक्तिकरण के लिए दिव्य लोक सेवा संस्थान को राजदादीसा बदन कंवर भटियाणीजी पुरस्कार, ज्योत्सना बराड़ को एच.एच. सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में राजमाता कृष्णाकुमारी सम्मान, परम पूज्य मनु भटनागर को। महाराजा गजसिंह (द्वितीय) पुरस्कार, अंतरराष्ट्रीय खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिव्यकृति सिंह राठौड़ को चिरंजीव युवराज शिवराज सिंह पुरस्कार, पत्रकारिता के क्षेत्र में ओम थानवी को मुहता नैणसी पुरस्कार, राजस्थानी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में डाॅ. गजे सिंह राजपुरोहित को पद्मश्री सीताराम लालास पुरस्कार, गिरधर दान रतनू को डाॅ. वीरता के लिए नारायण सिंह भाटी 'मालुंगा' सम्मान तथा नरेन्द्र सिंह शेखावत को राजाराम मेघवाल सम्मान से सम्मानित किया गया। पुरस्कार के तहत प्रतिभाओं को शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र, नकद राशि देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान सम्मानित प्रतिभाओं की विशिष्ट उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी.

'जोधपुर दुर्ग: महरानगढ़' पुस्तक का लोकार्पण

ट्रस्ट के महाप्रबंधक जगत सिंह राठौड़ ने बताया कि जसवन्तहड़ा पहाड़ी पर स्थित राव जोधा की प्रतिमा, शहीदों एवं राजाराम मेघवाल को पुष्पांजलि अर्पित की गई। पूर्व सांसद गजसिंह ने की राव जोधा की फालसे पर पूजा. समारोह में डाॅ. महेंद्र सिंह तंवर द्वारा लिखित पुस्तक 'जोधपुर दुर्ग: महरानगढ़' का विमोचन किया गया. 'मैं थानसूं दूर नहीं: महाराजा हनवंतसिंह की विरासत' डॉक्यूमेंट्री यूट्यूब पर दुनिया भर में लॉन्च और फोटो संस्करण में जारी की गई। सरोद वादक निज़ार खान ने संगीतमय प्रस्तुति दी.


लोक कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुति दी

जोधपुर का 566वां स्थापना दिवस विभिन्न रोचक एवं आकर्षक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया. जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये. इस अवसर पर पर्यटन विभाग ने जोधपुर के पर्यटन स्थलों पर राजस्थानी लोक कलाकारों की प्रस्तुति का आयोजन किया.