वर्ष सितंबर के महीने की शुरुआत से लगातार अनोखी खगोलीय घटनाओं की शृंखला शुरू

वर्ष सितंबर के महीने की शुरुआत से लगातार अनोखी खगोलीय घटनाओं की शृंखला शुरू
 
वर्ष सितंबर के महीने की शुरुआत से लगातार अनोखी खगोलीय घटनाओं की शृंखला शुरू

नैनीताल न्यूज़ डेस्क !! इस साल सितंबर महीने की शुरुआत से ही लगातार अनोखी खगोलीय घटनाओं का सिलसिला जारी है। अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए आसमान में तारे अपनी खूबसूरती बिखेरने वाले हैं। बारिश के बाद धूल रहित वातावरण और अमावस्या पर चांदनी की अनुपस्थिति के बीच 3 सितंबर को आकाशगंगाएं और सभी तारा समूह बिल्कुल साफ दिखाई देंगे, जिससे पृथ्वी के करीब होने का आभास होगा।

4 सितंबर को, चमकीला शुक्र बढ़ते अर्धचंद्र चंद्रमा के बहुत करीब आकर एक बहुत ही आकर्षक और शानदार संयोजन बनाएगा। 5 सितंबर की सुबह, बुध क्षितिज के ऊपर अपने उच्चतम बिंदु पर होगा, जो बहुत चमकीला और लंबा दिखाई देगा। महीने की सबसे दिलचस्प खगोलीय घटना 8 सितंबर को होगी जब शनि पृथ्वी के सबसे करीब होगा और पूरी रात दिखाई देगा। इस रात टाइटन को उसके छह चंद्रमाओं और आकर्षक छल्लों के साथ साधारण दूरबीन से भी देखा जा सकता है।


इसके बाद 18 सितंबर को चंद्रमा सुपरमून होगा और पृथ्वी के सबसे करीब होगा. इस रात चंद्रमा लगभग आठ प्रतिशत बड़ा और 14 प्रतिशत अधिक चमकीला दिखाई देगा। 18 सितंबर को आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में नहीं बल्कि उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिक महासागर और अधिकांश यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा। 20 सितंबर को सुदूर ग्रह नेपच्यून पृथ्वी के सबसे करीब होगा और पूरी रात दिखाई देगा। 22 सितंबर, विषुव के दिन, सूर्य भूमध्य रेखा पर सीधा चमकेगा और इस दिन दुनिया भर में दिन और रात लगभग बराबर अवधि के होंगे।

शनि 50 करोड़ किमी के करीब होगा
8 सितंबर को जब शनि पृथ्वी के सबसे करीब होगा, तब यह पृथ्वी से 1.2 अरब किमी दूर होगा, जो शनि और पृथ्वी के बीच की अधिकतम दूरी 1.7 अरब किमी से 500 मिलियन किमी कम है। इसी तरह चंद्रमा की पृथ्वी से अधिकतम दूरी 4,05,000 किमी है, जबकि 18 सितंबर को सुपरमून पृथ्वी से लगभग 3,59,000 किमी की दूरी पर होगा. आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) से जुड़े खगोलशास्त्री डाॅ. शशिभूषण पांडे ने कहा कि इस बार चंद्रमा सुपरमून है लेकिन पिछले महीने की तरह ब्लू मून का कोई दुर्लभ संयोग नहीं है.

400 मिलियन किलोमीटर के अंदर नेपच्यून भी आएगा
जब नेपच्यून और पृथ्वी सूर्य के एक ही तरफ सबसे करीब होते हैं तो उनमें केवल 4.3 अरब किलोमीटर की दूरी होती है, लेकिन जब ग्रह सूर्य के विपरीत दिशा में होते हैं तो उनमें 4.7 अरब किलोमीटर की दूरी होती है।

उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क !!