Indore अब घर बैठे करवा सकते है किडनी संबंधित बीमारी की जांच, IIT इंदौर ने तैयार किया क्वांटम बायो - सेंसर

Indore अब घर बैठे करवा सकते है किडनी संबंधित बीमारी की जांच, IIT इंदौर ने तैयार किया क्वांटम बायो - सेंसर
 
Indore अब घर बैठे करवा सकते है किडनी संबंधित बीमारी की जांच, IIT इंदौर ने तैयार किया क्वांटम बायो - सेंसर

इंदौर न्यूज डेस्क।। खराब जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण देश में किडनी से संबंधित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हर साल सभी आयु वर्ग के लगभग तीन लाख लोगों को किडनी प्रत्यारोपण और डायलिसिस की आवश्यकता होती है। इसका मुख्य कारण यह है कि लोगों को सही समय पर बीमारी का पता नहीं चल पाता है।

जब तक वह डॉक्टर के पास जाता है, तब तक बीमारी बढ़ चुकी होती है। आईआईटी इंदौर के प्रोफेसरों की एक टीम ने इस समस्या का समाधान ढूंढ लिया है। उन्होंने एक विशेष उपकरण, पोर्टेबल क्वांटम बायो-सेंसर विकसित किया है, जिसकी मदद से किडनी संबंधी बीमारियों का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

डॉ। आईआईटी इंदौर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और क्वांटेकएल 2एम के सह-संस्थापक चंद्रभान पटेल ने कहा कि किडनी की कार्यक्षमता कम होने के कारण रक्त में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। इसकी बढ़ी हुई मात्रा गठिया, जोड़ों का दर्द, अकड़न, गुर्दे की पथरी और गुर्दे की विफलता जैसी स्थितियों का कारण बनती है।

बढ़ते मामलों को देखते हुए हमारी टीम ने एक क्वांटम बायो-सेंसर डिवाइस विकसित किया है। इसकी मदद से 25 सेकंड में शरीर में यूरिक एसिड के स्तर की सटीक जानकारी मिल जाएगी। एम्स भोपाल के डॉ. जगत राकेश कंवर की देखरेख में इसका ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है।

इससे मरीज घर बैठे अपने फोन पर एक ऐप के जरिए अपने यूरिक एसिड लेवल के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसे संबंधित डॉक्टर के पास भी भेजा जा सकता है। टीम मई, 2022 से इस डिवाइस पर काम कर रही थी। इसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) क्वांटम तकनीक पर बनाया गया है।

आपको बता दें कि यह उपकरण भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय क्वांटम मिशन में अहम भूमिका निभाएगा। इस परियोजना को भारत सरकार की स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना से समर्थन मिला है। आईआईटी इंदौर के इन्क्यूबेशन सेंटर ने भी सहयोग किया है। उपकरण विकसित करने वाली टीम को अब तक कृषि, चिकित्सा और पर्यावरण में प्रौद्योगिकी के लिए नौ पेटेंट प्राप्त हुए हैं।

कीमत होगी चार हजार रुपये
इस उपकरण से रक्त, मूत्र या लार के नमूनों से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा का परीक्षण किया जा सकता है। यह 25 सेकंड में परिणाम देता है। इसके अलावा मशीन की कीमत पर भी खास ध्यान दिया गया है. यह मशीन हर किसी के लिए महज 4,000 रुपये में उपलब्ध होगी.

इस डिवाइस को क्वांटेकएल2एम के निदेशक और संस्थापक और आईआईटी इंदौर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर शैबाल मुखर्जी ने अपनी टीम के साथ विकसित किया है। इस टीम में निदेशक एवं सह-संस्थापक डाॅ. पल्लबी मुखर्जी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी सह-संस्थापक डॉ. चंद्रभान पटेल, निदेशक एवं सह-संस्थापक मयंक दुबे, निदेशक एवं सह-संस्थापक सुमित चौधरी, मुख्य तकनीकी अधिकारी विकास वर्मा, मुख्य वित्त अधिकारी ब्रह्मदत्त। महापात्रा और मुख्य उत्पाद पैकेजिंग अधिकारी अजीत यादव ने व्यापक शोध किया है।

मध्यप्रदेश न्यूज डेस्क।।