Jhansi डीएम ने आपदा प्रतिक्रिया केंद्र का किया निरीक्षण

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने करीब 02.50 करोड़ से अधिक की धनराशि से गांव दिगारा में निर्माणाधीन क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया. हालांकि यहां गुणवत्ता संतोषजनक मिली. वहीं भवन को सीलन से बचाने के लिए उन्होंने निर्देश.
उन्होंने बताया कि बुंदेलखण्ड के 07 जिलों की केंद्र से प्राकृतिक आपदओं जैसे सूखा, अति वर्षा एवं ओलावृष्टि पर रखी जाएगी निगरानी. यह केंद्र बुन्देलखण्ड के किसानों के लिए एक वरदान साबित होगा. मुख्यमंत्री द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विशेष रूप से बार-बार पड़ने वाले सूखे और पानी की कमी के प्रति संवेदनशील है, जो इस क्षेत्र के सबसे प्रमुख समस्या हैं. लंबे समय तक शुष्क रहने और मानसून के मौसम के दौरान अपर्याप्त वर्षा के कारण कृषि और जल संसाधन संबंधी गंभीर चुनौतियाँ पैदा होती हैं, जिससे फसलें और आजीविका दोनों प्रभावित होती हैं. उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक पानी की कमी इस क्षेत्र में फसल विफलता, खाद्य असुरक्षा और आर्थिक कठिनाइयों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाता है. इन कमजोरियों को दूर करने के लिए, बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लचीलापन बढ़ाने के लिए, सूखे से निपटने की तैयारी, जल संसाधन प्रबंधन और आजीविका विविधीकरण के लिए व्यापक रणनीतियों की आवश्यकता है एवं उक्त प्राकृतिक आपदा में रिस्पांस की दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार के लिए ग्राम दिगारा में यह क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किया जा रहा है. इस दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पांडेय, जिला आपदा विशेषज्ञ अजय कुमार यादव, गोविंद कुमार, अवर अभियन्ता लोक निर्माण विभाग भवन विंग, राम किशोर सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे.
गुणवत्ता सही पाई
निरीक्षण के दौरान कार्य की गुणवत्ता प्रथम दृष्टया सही पाई गई. जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने छत को सीलन से बचाने के लिए ब्रेक कोबा किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने विद्युत व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली और कहा कि केंद्र के बाहर बॉम लाइट लगाए जाने के निर्देश दिए. वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के निर्माण कार्य को देखा.
झाँसी न्यूज़ डेस्क