दिल्ली में ‘सरकारी खजाने को 2026 करोड़ का नुकसान’, CAG की रिपोर्ट से चूनावी सियासत में मची अफरा तफरी

दिल्ली में ‘सरकारी खजाने को 2026 करोड़ का नुकसान’, CAG की रिपोर्ट से चूनावी सियासत में मची अफरा तफरी
 
दिल्ली में ‘सरकारी खजाने को 2026 करोड़ का नुकसान’, CAG की रिपोर्ट से चूनावी सियासत में मची अफरा तफरी

दिल्ली चुनाव के दौरान जारी हुई कैग रिपोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। कैग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति से सरकारी खजाने को 2,026 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट ने शराब घोटाले की गूंज को और बढ़ा दिया है। उल्लेखनीय है कि यह रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सामने आई है।


इस रिपोर्ट में दिल्ली की शराब नीति 2021-2022 के निर्माण और कार्यान्वयन में कई कमियों और अनियमितताओं का खुलासा किया गया है।

- सरकार को 2,026 करोड़ रुपये का घाटा हुआ - शराब नीति बनाते समय विशेषज्ञों की राय को नजरअंदाज किया गया - विशेषज्ञ पैनल से संपर्क किया गया लेकिन उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज किया गया - शराब कंपनियों को लाइसेंस देने में अनियमितताएं - घाटे में चल रही कंपनियों को पहले लाइसेंस दिए गए और फिर कंपनियों को काली सूची में डाले गए - शराब नीति का निर्माण और कार्यान्वयन में पारदर्शिता की कमी - शराब की कीमत और लाइसेंसिंग में पारदर्शिता की कमी उजागर - शराब नीति पर निर्णय लेने में कैबिनेट और उपराज्यपाल की भूमिका लापरवाही के आरोप - शराब नीति में, रु। कोविड के नाम पर कई कंपनियों से 144 करोड़ रुपए गलत तरीके से माफ कर दिए गए।

खास बात यह है कि इस कैग रिपोर्ट में शराब नीति से होने वाले नुकसान का भी विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इस विश्लेषण में कोविड-19 के लिए दी गई रियायतें और पुराने लाइसेंसों का नवीनीकरण न होने के कारण हुए नुकसान भी शामिल हैं।

सरकारी खजाने को कैसे नुकसान हुआ?
- वापस लिए गए लाइसेंसों की दोबारा निविदा न होने से 890 करोड़ रुपए का नुकसान - जोनल लाइसेंस धारकों को अनुचित रियायतें देने से 941 करोड़ रुपए का नुकसान - कोविड-19 के नाम पर गलत छूट देने से 144 करोड़ रुपए का नुकसान - अनुचित वसूली के कारण 100 करोड़ रुपये की सुरक्षा जमा राशि का नुकसान। 27 करोड़ का नुकसान

रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि लाइसेंसधारियों और थोक विक्रेताओं के बीच अनुचित समझौते किये गये। शराब की गुणवत्ता जांचने के लिए न तो कोई परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई थी और न ही खुदरा दुकानों का समान वितरण किया गया था। जाहिर है, इस रिपोर्ट ने दिल्ली में चुनावी माहौल गरमा दिया है।

भाजपा ने इस रिपोर्ट को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है और आम आदमी पार्टी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस नीति से जनता को नुकसान हुआ जबकि आप नेताओं को बड़ा कमीशन मिला। हालाँकि, आम आदमी पार्टी ने इस रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताया है।