Mathura बिना फिटनेस की बसें जब्त,यात्रा में परेशानी
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क बिना फिटनेस और परमिट के दौड़ रही लग्जरी बसों की कार्रवाई ने यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है. आलम यह है कि बगैर फिटनेस में बसों को जब्त किया जा रहा है. ऐसे में बसों में सवार यात्रियों को सड़क पर सामान सहित उतार दिया जाता है. इन्हें मौके पर दूसरी बसें उपलब्ध कराने में घंटों लग जाते है. इस दौरान यात्री भूखे-प्यासे दूसरी बसों के आने के इंतजार में बैठे रहते है.
जबकि एमवी एक्ट में नियम यह है कि प्रवर्तन दल जब भी वाहनों की चेकिंग करेंगे, उस समय दूसरा साधन साथ में लेकर चलेंगे. लेकिन इस व्यवस्था को दरकिनार करते हुए परिवहन विभाग के चेकिंग वाहनों को सीज कर देंगे. पर, यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में सुरक्षित स्थान पर ठहराना, दूसरा वाहन आने तक खाने-पीने की व्यवस्था करना शामिल हैं. चेकिंग दल यात्रियों को इस सुविधाओं से वंचित करते हुए मनमानी करने पर उतारु हैं.
राष्ट्रीयकृत मार्गो निजी बस ढो रहे फुटकर सवारी राष्ट्रीयकृत मार्गो पर सिर्फ रोडवेज बसें ही चल सकती हैं. इसके इतर चलने वाली निजी बसों के पास ऑल इंडिया या ऑल यूपी परमिट होना जरूरी है. इस परमिट के आधार पर सिर्फ टूरिस्ट यात्री को ढो सकते है. यानी एक स्थान से सवारी बैठाकर दूसरे स्थान पर सवारी उतार देना रहता है. लेकिन रोडवेज के राष्ट्रीयकृत मार्गो पर निजी बसें परमिट शर्तो का उल्लंघन करते हुए फुटकर सवारी ढो रहे है. इससे रोडवेज की आय में चूना लगाने का काम निजी बस मालिक कर रहे है.
रोडवेज की मंशा, न चलेंगे न चलने देंगे
रोडवेज के कई ऐसे मार्ग है, जहां पर यात्रियों की संख्या ज्यादा है और बसें कम हैं. ऐसी स्थिति में डग्गामार बसें यात्रियों का सहारा बनकर उभर रही हैं. रोडवेज प्रशासन ऐसे निजी वाहनों पर रोक लगाने की मांग कर रहा है. बदले में बसों में संख्या नहीं बढ़ा रहा है. अब रोडवेज के सामने स्थिति यह है कि न चलेंग और न चलने देंगे. रोडवेज के इस मंशा पर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मथुरा न्यूज़ डेस्क