Kanpur तहसील में नहीं पेयजल की व्यवस्था,बैठने का संकट

Kanpur तहसील में नहीं पेयजल की व्यवस्था,बैठने का संकट
 
Kanpur तहसील में नहीं पेयजल की व्यवस्था,बैठने का संकट

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  दिनोंदिन चढ़ते पारे के बीच एसी और कूलर में बैठने वाले अफसरों को ग्रामीणों की कोई फिक्र नहीं है. तहसील में पीने के लिए पानी नहीं, बैठने के लिए छांव व कुर्सी का इंतजाम नहीं होने के बावजूद अफसर व्यवस्थाओं को दुरुस्त बताते हैं. जिसकी वजह से ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है.

मड़ावरा तहसील में पेयजल संकट से अधिवक्ता और वादकारी काफी दिनों से जूझ रहे हैं. तहसील परिसर में लगे वाटर कूलर खराब पड़े हैं. जिनको अधिकारियों ने सुधरवाने की जहमत नहीं उठाई. यहां में  भी इंडिया मार्का हैंडपंप नहीं हैं. दर्जनों अधिवक्ताओं और सैकड़ों वादकारियों को चिलचिलाती धूप में पीने को पानी नहीं मिलता है. अधिवक्ता और वादकारी बोतल बंद पानी खरीदकर प्यास बुझाने को विवश हैं. अप्रैल माह से ही तहसीलभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. सुबह दस बजे के बाद से तेज धूप हो जाती है. परिसर में न हैंडपंप लगे हैं और ना ही वाटर कूलर हैं. इस संबंध में अधिवक्ताओं और वादकारियों ने उप जिलाधिकारी से अनुरोध किया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रजलाल साहू व महामंत्री जयराम सिंह पटेल ने बताया कि परिसर में लगा वाटर कूलर खराब होने से अधिवक्ताओं सहित वादकारियों को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. तहसील प्रशासन से कई बार खराब पड़े वाटर कूलर को सही कराने की मांग उठाई गई,उसका समाधान नहीं हुआ. महामंत्री जयराम सिंह पटेल ने बताया कि अफसरों का यही रवैया उनको आंलन के लिए विवश कर देता है. कार्य के संबंध में आने वाले लोगों के बैठने तक को यहां उचित व्यवस्था नहीं है.

 

बूंद- बूंद पानी को तरसते ककोरिया के ग्रामीण

बांधों और तालाबों की नगरी के रूप में प्रसिद्ध ललितपुर जनपद स्थित कई गांवों में ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो पा रहा है. बिरधा ब्लाक स्थित ककोरिया गांव इनमें से  है. हर घर नल जल योजना की पाइप लाइन डाले जाने के बाद भी इस गांव की 25 प्रतिशत आबादी  किलोमीटर दूर कुएं से पानी ढोने को विवश है. भीषण गर्मी में पानी की समस्या ग्रामीण हरी मार झेल रहे हैं. गांव से  किमी दूर बना पुराना कुआं वरदान साबित हो रहा है.

 

कानपूर न्यूज़ डेस्क