Pratapgarh Uttrapradesh बच्चों के गले से छाती तक संक्रमण, बैक्टीरिया का भी ‘आक्रमण’
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क मेडिकल कॉलेज के बाल रोग की ओपीडी में आने वाले बच्चों में आधे से अधिक बच्चों के गले से छाती तक संक्रमण मिल रहा है. परेशानी की बात यह है कि कुछ बच्चे ऐसे भी आ रहे हैं जिनके परिजन पूरी एहतियात बरत रहे हैं फिर भी उन्हें वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से नहीं बचा पा रहे हैं. इसके पीछे डॉक्टर उन बच्चों की कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को वजह बता रहे हैं.
मौसम में बदलाव अर्थात ठंड शुरू होने के बाद ही बाल रोग की ओपीडी में गले से सीने तक संक्रमण वाले बच्चों की संख्या 50 फीसदी तक पहुंच गई थी. इस समय ओपीडी में एक दिन में लगभग 150 मरीज आ रहे हैं. उसमें 80 से अधिक मरीज गले से छाती तक बलगम से पीड़ित हैं. डॉ. अनिल सरोज का कहना है कि करीब तीन हफ्ते से मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. ऐसे मौसम में बीमारी फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया बहुत तेजी से अपनी संख्या और संक्रमित करने की क्षमता बढ़ा लेते हैं. दूसरी तरफ छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती. ऐसे में वायरस बैक्टीरिया आसानी से और बार-बार उन बच्चों को संक्रमित कर रहे हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है.
बच्चों में संक्रमण के लक्षण
● खांसी
● जुकाम
● बुखार
● थकान
● भूख न लगना
बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय
● बच्चों को मां का दूध जरूर पिलाएं
● संतुलित (फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दाल, दूध) आहार देना
● पर्याप्त नींद लेनी चाहिए
● तनाव वाले काम या खेल से दूर रखें
● सफाई व टीकाकरण का ध्यान रखें
गले से सीने तक संक्रमण से पीड़ित बच्चों की संख्या आधे से अधिक चल रही है. दवा के साथ तीमारदारों को समझाया जा रहा है कि मौसम बदलने से मजबूत हुए वायरस/बैक्टीरिया का सामना करने के लिए एहतियात के अलावा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होनी चाहिए. -डॉ. अनिल सरोज, असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क