Raipur फर्जीवाड़ा करने वालों पर लगेगी लगाम, जमीन-मकान बेचने के लिए अब देनी पडेगी गूगल लोकेशन

Raipur फर्जीवाड़ा करने वालों पर लगेगी लगाम, जमीन-मकान बेचने के लिए अब देनी पडेगी गूगल लोकेशन
 
Raipur फर्जीवाड़ा करने वालों पर लगेगी लगाम, जमीन-मकान बेचने के लिए अब देनी पडेगी गूगल लोकेशन

रायपुर न्यूज डेस्क।। अब प्रदेश में जमीन और भवन बेचने के लिए दस्तावेजों में संपत्ति से जुड़ी गूगल लोकेशन अनिवार्य होगी। इसके लिए पंजीयन सॉफ्टवेयर को नगरीय प्रशासन विभाग, आवास एवं पर्यावरण विभाग और छत्तीसगढ़ भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के सॉफ्टवेयर से एकीकृत करने की तैयारी की जा रही है। इसमें खरीदार किसी भी स्वीकृत प्रोजेक्ट में खरीदारी करते समय यह जांच कर सकेगा कि उसे सही प्लॉट मिल रहा है या नहीं। उसने जो प्लॉट खरीदा है वह नियमानुसार वैध है या नहीं। क्या यह संभव है कि यह सार्वजनिक प्रयोजन का स्थान हो?

इसके अलावा बिल्डर या कॉलोनाइजर बिल्डर आदि का ट्रैक रिकॉर्ड भी पता चल सकेगा। जानकारी के मुताबिक, निबंधन कार्यालयों में ऐसी शिकायतें रहती हैं कि निबंधन के बाद पक्षकार को उसकी संपत्ति मौके पर नहीं मिलती है. इससे बचने के लिए रजिस्ट्री दस्तावेज़ों में Google स्थान के साथ-साथ अक्षांश और देशांतर स्थिति भी निर्दिष्ट करना अनिवार्य होगा, जिससे रजिस्ट्री के लिए भविष्य में खरीदी गई संपत्ति की पहचान करना आसान हो जाएगा।

अब पावर ऑफ अटॉर्नी में भी नए नियम होंगे

वर्तमान में, रियल एस्टेट का कारोबार एक वस्तु की तरह किया जा रहा है। स्टांप पंजीकरण लागत बचाने और आयकर लेनदेन से बचने के लिए, लोग जमीन का पंजीकरण कराए बिना ही पावर ऑफ अटॉर्नी बना रहे हैं। इससे आयकर, जीएसटी और स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्री राजस्व में भारी नुकसान हो रहा है। इस प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए, बिक्री विलेख जैसे गैर-पारिवारिक पावर ऑफ अटॉर्नी पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क लगाया जाएगा।

रजिस्ट्रेशन कानूनों में भी बदलाव के संकेत मिल रहे हैं

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कई अभिलेख ऐसे हैं जिनका पंजीयन अनिवार्य नहीं है। इस कारण इन कृत्यों के पक्षकारों को पर्याप्त कानूनी सुरक्षा नहीं मिल पाती है। ऐसे अनेक कार्यों को चिन्हित कर उन्हें पंजीयन की अनिवार्य श्रेणी में लाने की प्रक्रिया चल रही है। राज्य में छत्तीसगढ़ पंजीयन नियम 1939 आज भी प्रचलित है। स्टाम्प एवं पंजीयन से संबंधित कानून एवं नियम बहुत पुराने हैं तथा समय-समय पर इनमें संशोधन एवं संशोधन न होने के कारण अनेक विरोधाभास एवं विसंगतियाँ उत्पन्न हो गयी हैं। स्टाम्प और पंजीकरण से संबंधित कानूनों और विनियमों को अद्यतन किया जा रहा है। जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी.

छत्तिसगढ न्यूज डेस्क।।