रजिस्टर्ड लेबर का बनावाया फर्जी डेथ सर्टिफिकेट, फिर सरकारी खजाने से ठग लिये 2 लाख 15 हजार रुपये

रजिस्टर्ड लेबर का बनावाया फर्जी डेथ सर्टिफिकेट, फिर सरकारी खजाने से ठग लिये 2 लाख 15 हजार रुपये
 
रजिस्टर्ड लेबर का बनावाया फर्जी डेथ सर्टिफिकेट, फिर सरकारी खजाने से ठग लिये 2 लाख 15 हजार रुपये

हरियाणा के नूंह जिले में पुलिस ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर धोखाधड़ी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी श्रमिक कार्ड में छेड़छाड़ कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बना रहे थे। इसके बाद श्रम विभाग से मिलीभगत कर खाते में 2,15,000 रुपये जमा करा लेते थे और धोखाधड़ी कर रकम हड़प लेते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और कई अन्य सामान जब्त किया है।

नूंह सहायक पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वार्ड नंबर 3 दल्लावास पुन्हाना निवासी हनीफ ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अरबाज खान व सीएससी संचालक जाबिर ने फर्जी हस्ताक्षर कर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर हरियाणा सरकार के साथ धोखाधड़ी की है। उप पंजीयक के खजाने से 2,15,000 रुपये की धोखाधड़ी की गई है। जैसे ही यह मामला सामने आया साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस ने सीएससी संचालक समेत दो लोगों को किया गिरफ्तार
जांच के दौरान तकनीकी तरीकों और बैंक ट्रांजेक्शन के आधार पर गहन विश्लेषण करने के बाद पुलिस ने आरोपी अरबाज और सीएससी संचालक जाबिर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड जब्त किए हैं। जिसकी मदद से उसने सारा काम किया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि अप्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में सरकार श्रमिक आईडी धारक पंजीकृत मजदूर के परिवार को 2,15,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर सरकार को धोखा दिया
आरोपियों ने श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर धोखाधड़ी करने की योजना बनाई थी। योजना के अनुसार आरोपियों ने मजदूरों से श्रमिक कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि दस्तावेज एकत्र कर उनके फर्जी मोबाइल नंबरों से ऑनलाइन खाते खोले तथा तकनीकी सहायता से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किए। इसके बाद आरोपी ने मुआवजा राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन किया और यूजर आईडी व पासवर्ड हासिल कर लिया।

पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
पासवर्ड प्राप्त करने के पश्चात आरोपी ने श्रम विभाग के साथ मिलकर शिकायतकर्ता के वारिसों के खाते में 2,15,000 रूपये जमा कराकर उस पैसे को अलग-अलग खातों में बांटकर धन धोखाधड़ी की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस आरोपियों की मदद करने वाले लोगों से भी पूछताछ कर रही है।