कश्मीर में अब रोड ब्लॉक की दिक्कत खत्म, इस सुरंग से 15 मिनट में पहुंचेंगे सोनमर्ग घाटी

कश्मीर में अब रोड ब्लॉक की दिक्कत खत्म, इस सुरंग से 15 मिनट में पहुंचेंगे सोनमर्ग घाटी
 
कश्मीर में अब रोड ब्लॉक की दिक्कत खत्म, इस सुरंग से 15 मिनट में पहुंचेंगे सोनमर्ग घाटी

अब कश्मीर की खूबसूरत सोनमर्ग घाटी का भ्रमण हर मौसम में किया जा सकेगा। इसे जोड़ने के लिए ज़ेड-मोर सुरंग का निर्माण पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को इसका उद्घाटन करेंगे, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रा भी बेहतर होगी। यह सुरंग गगनगीर से सोनमर्ग तक सड़क को बाईपास करेगी। इससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को पूरे वर्ष हिल स्टेशन पर आने की सुविधा मिलेगी।


ज़ेड-मोर सुरंग, जोजिला सुरंग परियोजना का एक हिस्सा है जो सभी मौसमों में लद्दाख क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करती है। जेड-मोर सुरंग जम्मू और कश्मीर के गंदेरबल जिले में बनाई गई है। यह सुरंग गगनगीर-सोनमर्ग के बीच 6.5 किलोमीटर लंबी है। इसका निर्माण 2-लेन वाली सड़क सुरंग के रूप में किया गया है। सड़क का आकार Z-जैसा होने के कारण इसका नाम Z रखा गया है। भारी बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण गगनगीर-सोनमर्ग सड़क फिलहाल बंद है। इस सुरंग के निर्माण से सोनमर्ग में हर मौसम में भ्रमण किया जा सकेगा।

इसे पार करने में 15 मिनट लगेंगे।
जेड-मोर सुरंग के निर्माण से न केवल लोगों को बल्कि सेना को भी लाभ होगा। इससे सैन्य रसद बढ़ेगी और हर मौसम में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके निर्माण से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोर सुरंग को पार करने में केवल 15 मिनट लगेंगे। यह सुरंग श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर है जो भू-रणनीतिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। यह सुरंग, श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर भू-रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग के साथ मिलकर बालटाल (अमरनाथ गुफा), कारगिल और लद्दाख क्षेत्र के अन्य स्थानों को वर्ष भर मौसम-रहित सम्पर्क प्रदान करेगी।

2024 में आतंकवादी हमला होगा।
इस सुरंग का निर्माण 2018 में शुरू हुआ और यह 31 सड़क सुरंगों में से एक है। इसके निर्माण में कई कठिनाइयाँ आईं। 20 अक्टूबर 2024 को सुरंग पर आतंकवादी हमला हुआ, जिसमें आतंकवादियों ने श्रमिकों के शिविर में घुसकर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में सात लोग मारे गए, जिनमें ज़ेड-मोर सुरंग का निर्माण कर रही बुनियादी ढांचा कंपनी के छह गैर-स्थानीय कर्मचारी भी शामिल थे।