अलवर जिले में सर्वार्थ सिद्धि योग में आज मनाई जाएगी सावन मास की शिवरात्रि
शिव कांवर सेवा समिति की ओर से 200 फीट रोड स्थित हनुमान चौराहा स्थित हनुमान मंदिर पर हवन एवं भंडारा होगा। पं. यज्ञदत्त शर्मा ने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग 2 अगस्त को सुबह 10.59 बजे से 3 अगस्त को सुबह 5.6 बजे तक है। कावंड चंदने का मुहूर्त 2 अगस्त को चर, लाभ, अमृत का चौघड़िया के अनुसार सुबह 5.56 से 10.30 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त और शुभ का चौघड़िया के अनुसार दोपहर 12 बजे से 2.12 बजे तक है।
सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक राहुकाल है, दोपहर 3.27 बजे से 3.39 बजे तक भद्रा है। शास्त्रों के अनुसार राहु और भद्रा काल में कांवर चढ़ाना शुभ नहीं होता है। उन्होंने बताया कि समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्नों के जलने से जो विष निकला, उसे भगवान शिव ने ग्रहण कर लिया और सृष्टि की रक्षा की। भगवान शिव द्वारा विष पीने के बाद उसके नकारात्मक प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए सावन माह की शिवरात्रि के दिन कांवर के जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से इसकी शुरुआत हुई। कांवर यात्रा को लेकर अलग-अलग राय हैं. कुछ विद्वानों का मत है कि सबसे पहले भगवान परशुराम ने गढ़मुक्तेश्वर से गंगाजल लाकर उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित पुरा महादेव शिवालय में जलाभिषेक किया था। कुछ विद्वानों का मत है कि त्रेता युग में सबसे पहले श्रवण कुमार अपने माता-पिता को हरिद्वार लेकर आये थे, तभी से कांवर यात्रा शुरू हुई। यह भी मान्यता है कि भगवान राम ने झारखंड के सुल्तानगंज से कावंड़ लाकर बाबा धाम में शिव लिंग की प्रतिष्ठा की थी. ऐसी भी मान्यता है कि रावण ने कांवर के जल से भगवान शिव का अभिषेक किया था.