ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टरों की प्रदेशव्यापी हड़ताल जारी, वीडियो में देखें मंत्रालय कर्मचारियों ने भी दिया समर्थन

परिवहन विभाग के दो निरीक्षकों को थाने में बंद करने के विरोध में परिवहन विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रही। परिवहन सेवा परिषद और विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों ने भी हड़ताल का समर्थन किया और सांकेतिक प्रदर्शन किया। वे गुरुवार से हड़ताल में शामिल हो जाएंगे, जिससे राजस्व वसूली के साथ ही कार्यालय संबंधी लाइसेंस और वाहन पंजीकरण का काम भी ठप हो जाएगा।
बुधवार को ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए जिला परिवहन कार्यालय के बाहर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। धौलपुर जिले के अलावा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से भी लोग परिवहन विभाग से जुड़े काम के लिए इंतजार करते नजर आए। परिवहन विभाग की हड़ताल के कारण प्रदेशभर में प्रतिदिन 10 करोड़ रुपए तथा धौलपुर जिले में 30 लाख रुपए प्रतिदिन राजस्व का नुकसान हो रहा है।
आंध्र प्रदेश निवासी पीवन राजू मंगलवार को अपने वाहन की सर्विसिंग कराने के लिए धौलपुर जिले में परिवहन विभाग कार्यालय पहुंचे, लेकिन हड़ताल के कारण उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं। इसके अलावा दूर-दराज से आए लोगों को परिवहन विभाग से जुड़े कार्यों में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। फरवरी और मार्च का महीना परिवहन विभाग के राजस्व के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में हड़ताल के कारण सरकार को पूरे राज्य में राजस्व का नुकसान हो रहा है। परिवहन विभाग इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है।
मामला यही था।
2 फरवरी की रात धौलपुर में यूपी बॉर्डर पर स्थित बरैठा चेकपोस्ट पर परिवहन निरीक्षक अनिल कुमार प्रसाद और शैलेंद्र वर्मा उत्तर प्रदेश से आने वाले ओवरलोड वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। रात दो बजे एक सफेद रंग की बोलेरो कार उनके पास आई और उसमें से एसपी सुमित मेहरा निकले और दोनों इंस्पेक्टरों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें पुलिस की गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद एसपी ने दोनों परिवहन निरीक्षकों को मनियां थाने में हिरासत में लेने के आदेश देकर चले गए। दोनों इंस्पेक्टरों को साढ़े पांच घंटे तक मनियां थाने में बंद रखा गया। उच्च अधिकारियों के निर्देश और परिवहन विभाग के अभिलेखों के मिलान के बाद दोनों निरीक्षकों को रिहा कर दिया गया, जिससे पुलिस और परिवहन विभाग के बीच विवाद जारी है।