Varanasi बेटे का नाम आते ही सबकी दबी जुबान, आक्रोश शांत

Varanasi बेटे का नाम आते ही सबकी दबी जुबान, आक्रोश शांत
 
Varanasi बेटे का नाम आते ही सबकी दबी जुबान, आक्रोश शांत

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   फर्नीचर व्यापारी मो. नईम की हत्या के बाद हिरासत में लिया गया बेटा पुलिस निगरानी में अंतिम संस्कार में शामिल हुआ. तुरंत बाद पुलिस उसे साथ लेकर थाने चली गई तो  से ही दबी जुबान बात करने वाले लोगों के होंठ पर नईम के बेटे सैफ का ही नाम रहा. हत्या के बाद तीन घंटे से अधिक समय तक शव रोककर विरोध जताने वालों के तो होंठ सिल गए.

नईम को गोली लगने के बाद सीएचसी पट्टी ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया. सीएचसी पर भारीभीड़ जमा हुई लेकिन करीब चार दर्जन लोग बेहद आक्रोशित थे. वे तीन घंटे से अधिक समय तक पुलिस को शव नहीं ले जाने दिए. शव पोस्टमार्टम को भेजे जाने के बाद ही पुलिस ने उसके बेटे सैफ को हिरासत में लिया तो लोगों के बीच खुशुर फुसर शुरू हो गई. पहले तो लोग यह कहते रहे कि घटना की जानकारी के लिए पुलिस उसे ले गई है लेकिन कुछ ही देर में पुलिस छापामारी कर उसके परिचितों को हिरासत में लेने लगी तो बेटे पर अंगुली उठने लगी. रात में शव घर पहुंचने के बाद बेटे को थाने से लेकर पुलिस आई तो पूरे समय तक उसे ओझल नहीं होने दिया. शव दफन किए जाने के समय भी पुलिस ने उसे किसी से बातचीत नहीं करने दी. शाम को जैसे ही उसे दोबारा थाने ले जाया गया हर कोई चर्चा करने लगा कि हत्या का सूत्रधार बेटा ही है. इसके साथ लोग यह भी चर्चा करने लगे कि उसने अपने पिता के बैंक खाते से तीन लाख रुपये ट्रांसफर कराया. कस्बे के ही एक व्यक्ति को एक लाख रुपये दिया. कुछ लोगों से वह ब्याज पर भी रुपये लेता रहा. 11वीं में पढ़ने वाले छात्र ने अपनी मर्जी से तीन बाइक भी खरीदी. बाद में एक बाइक बेच दी. इसे लेकर पिता ने खासी नाराजगी जताई. बहुत युवकों से मिलने जुलने को लेकर भी नईम बेटे पर प्रतिबंध लगाता था. यह उसे नागवार लगता था. पिता की ही डांट से वह घर से भी भागा था, हालांकि दूसरे दिन वापस आ गया. लोग पुलिस के खुलासे को लेकर उत्सुक दिखे.

फर्नीचर व्यापारी की हत्या में शामिल लोग चिन्हित हो गए हैं. उनकी धरपकड़ के लिए पुलिस टीमें छापामारी कर रही हैं. जल्द ही घटना का खुलासा होगा. -सतपाल अंतिल, एसपी

 

वाराणसी न्यूज़ डेस्क