Varanasi बीएचयू पतझड़ के पत्तों से आएगी हरियाली
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क बीएचयू परिसर में पेड़ों के सूखे पत्ते अब हरियाली के वाहक बनेंगे. विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग ने सूखे पत्तों को जलाने के बजाए उनसे जैविक खाद बनाने की पहल की है. इस खाद का इस्तेमाल बीएचयू के उद्यान और पौधों में तो होगा ही, उसे शहर की पौधशालाओं और पर्यावरण प्रेमियों को सस्ती दर पर बेचा भी जाएगा. बीएचयू की जैविक खाद जल्द ही बिक्री के लिए उपलब्ध होगी.
बीएचयू में मौजूदा समय में पेड़-पौधों की 650 से ज्यादा प्रजातियां हैं. पहले उन पेड़-पौधों के सूखे पत्तों को बटोर कर जलाया या गड्ढे में दबा दिया जाता था. बीएचयू के उद्यान प्रभारी प्रो. सरफराज आलम ने बताया कि भारी मात्रा में निकलने वाले इन पत्तों से जैविक और वर्मी कंपोस्ट तैयार कराई जा रही है. उच्च क्वालिटी की इस जैविक खाद का इस्तेमाल बीएचयू के विभिन्न उद्यानों, पार्क और नए लगे पौधों में किया जाएगा.
कंपोस्ट और वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित उद्यान, स्विमिंग पूल के पीछे नेहरू पार्क, छित्तूपुर रोड के बगल में खाली स्थान के अलावा कई जगहों पर गड्ढे बनाए गए हैं. एक मीटर गहराई वाले इन गड्ढों में पत्ते डालकर उन्हें जैविक प्रक्रिया से कंपोस्ट में बदला जा रहा है. खाद तैयार होने में डेढ़ से दो महीने का समय लगता है. इसी तरह वर्मी कंपोस्ट भी अलग तैयार हो रहा है.
किराया न लेने पर व्यापारी नाराज
विश्वेश्वरगंज सब्जी मंडी व्यवसायी समिति की बैठक हुई. व्यापारियों ने नगर निगम प्रशासन द्वारा चार माह से किराया न लेने पर रोष जताया और किराया वृद्धि के संबंध में स्पष्ट सूचना न देने पर नाराजगी जताई.
कहा कि नगर निगम की ओर से व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है. अचानक भारी भरकम राशि जमा करने का नोटिस थमा दिया जिसको जमा करना अव्यवहारिक होगा. अध्यक्ष भगवान दास जायसवाल, महामंत्री बलवंत सिंह ने कहा कि महापौर, नगर आयुक्त से इस संबंध में मुलाकात की गई लेकिन स्पष्ट जवाब नहीं मिला. यदि जल्द नगर निगम ने पहले की तरह किराया लेना शुरू नहीं किया तो व्यापारी आंदोलन को बाध्य होंगे. इस दौरान रंजीत केशरी, गणेश गुप्ता, मुन्नाराम, अभिषेक राज, मनोज साहू, शिवप्रसाद साहू, संतोष गुप्ता, आरजू राइन, मिर्जा इरफान बेग आदि रहे.
वाराणसी न्यूज़ डेस्क