Lucknow गरीबों को लाभ नहीं तो इस्तीफा दे दें वेंकैया

Lucknow गरीबों को लाभ नहीं तो इस्तीफा दे दें वेंकैया
 
Lucknow गरीबों को लाभ नहीं तो इस्तीफा दे दें वेंकैया

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कामयाब जनप्रतिनिधि बनने का मंत्र देते हुए कहा कठोर परिश्रम, समयबद्धता और अनुशासन में रहना बहुत जरूरी है. विरोधी दलों के विचारों का तर्क से विरोध करें. शारीरिक ताकत दिखाने की जरूरत नहीं है. याद रखें कि विरोधी जनप्रतिनिधि दुश्मन नहीं हैं. उन्होंने विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि अगर अंत्योदय तक लाभ नहीं पहुंचा पा रहे हैं तो मतदाताओं का सम्मान करते हुए त्यागपत्र देना चाहिए.
वेंकैया नायडू ने  राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन के दूसरे दिन टेल आफ द टाल सत्र में यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि 75 साल में देश ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं. अपने सियासी सफर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बचपन में जब अटल बिहारी बाजपेई जैसे भाजपा के शीर्ष नेता उनके शहर में आते थे तो वह उनका भाषण सुनते थे. कभी सोचा नहीं था कि अटल व आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं के साथ बैठने को मौका मिलेगा और वह भाजपा के अध्यक्ष बनेंगे.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया कि केंद्र सरकार राइट टू सोशल सिक्योरटी कानून लाए. सभी दलों को यह मांग करनी चाहिए. इससे गरीबों को संदेश जाएगा कि सरकार उनके साथ खड़ी है.
पूर्व सांसद व माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने कहा कि हमारी राजनीति में इतना तीखापन आ गया तो लेकिन आयोजकों ने खतरा उठाते हुए विभिन्न दलों के नेताओं को एक मंच पर लाने का काम किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में संसद में 50 प्रतिशत महिला प्रतिनिधि होंगी. महिला आरक्षण बिल

संसद से पास होना चाहिए.
महाना ने बताए बार-बार चुनाव जीतने के गुर
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नौ राज्यों के विधायकों को बार-बार चुनाव जीतने का मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि कोई भी विधानसभा चाहे वह छोटी हो अथवा बड़ी हो, जन अपेक्षाएं हर जगह बराबर होती हैं. इसलिए हर विधायक को छोटी से लेकर बड़ी तक हर जनसमस्या को धैर्यपूर्वक सुनने की आदत डालनी चाहिए. अगर जनविश्वास टूट गया तो वह एक विधायक के जीवन की सबसे बड़ी असफलता होती है. महाना ने  आर्ट एंड क्राफ्ट आफ डेवलपिंग योर कांस्टीट्यूएंसी सत्र के दौरान यह बातें कहीं.
केंद्रीय खेल कल्याण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 1991 से लगातार विधायक और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से सीख लेनी चाहिए. वो तब से विधायक है, जब मोबाइल नहीं था. सब कुछ बदल गया, पर उनका व्यवहार आज भी वही है जो 32 वर्ष पहले था.


लखनऊ न्यूज़ डेस्क