स्मार्टफोन्स का का पत्ता साफ़ करने आ रहा AI-आधारित हार्डवेयर डिवाइस, Apple के पूर्व डिज़ाइन चीफ के हाथ लगी गजब तकनीक

स्मार्टफोन्स का का पत्ता साफ़ करने आ रहा AI-आधारित हार्डवेयर डिवाइस, Apple के पूर्व डिज़ाइन चीफ के हाथ लगी गजब तकनीक
 
स्मार्टफोन्स का का पत्ता साफ़ करने आ रहा AI-आधारित हार्डवेयर डिवाइस, Apple के पूर्व डिज़ाइन चीफ के हाथ लगी गजब तकनीक

टेक न्यूज़ डेस्क - ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने एक नए एआई-आधारित हार्डवेयर डिवाइस की योजना का खुलासा किया है, जो उन्हें पारंपरिक स्मार्टफोन की जगह लेने की उम्मीद है। इस डिवाइस को पूर्व ऐप्पल डिज़ाइन प्रमुख जॉनी ईव के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। यह उपयोगकर्ताओं के तकनीक के साथ बातचीत करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकता है। ऑल्टमैन का मानना ​​है कि यह नया डिवाइस जनरेटिव एआई का उपयोग करके स्मार्टफ़ोन के मौजूदा सॉफ़्टवेयर से भी बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।

यह स्मार्टफ़ोन से कैसे अलग होगा?
इस प्रोजेक्ट पर पिछले एक साल से काम चल रहा है और इस प्रोजेक्ट पर भारी निवेश किया गया है। यह डिवाइस पारंपरिक टच और टाइपिंग इनपुट से अलग होगी और इसकी मुख्य विशेषता वॉयस कमांड और अन्य सरल इंटरफेस होंगे। इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता केवल बोलकर या सरल इशारों से डिवाइस को संचालित कर सकेंगे। इससे तकनीक के साथ बातचीत करना आसान हो जाएगा।

ऑल्टमैन और जॉनी ईव की साझेदारी
सैम ऑल्टमैन और जॉनी ईव इस प्रोजेक्ट को हकीकत बनाने के लिए साथ आए हैं। आईफोन और कई अन्य ऐप्पल उत्पादों को डिजाइन करने वाले जॉनी इव इस डिवाइस को न केवल तकनीकी रूप से बल्कि डिजाइन के दृष्टिकोण से भी बेहतरीन बनाने में मदद करेंगे।

इसे आने में कुछ साल लगेंगे
फिलहाल इस डिवाइस के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। ऑल्टमैन ने संकेत दिया है कि इस डिवाइस का प्रोटोटाइप तैयार करने में कुछ साल लग सकते हैं।

ओपनएआई का नया एआई एजेंट "डीप रिसर्च" भी लॉन्च
इस बीच, ओपनएआई ने एक नया एआई एजेंट "डीप रिसर्च" भी लॉन्च किया है। इसे खास तौर पर उन यूजर्स के लिए बनाया गया है जो गहन अध्ययन और शोध कार्य में लगे हैं। यह टूल वित्त, विज्ञान, नीति और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में जटिल शोध कार्यों को सरल बनाने में मदद करेगा। अगर यह नया एआई-आधारित डिवाइस स्मार्टफोन की जगह लेने में सफल होता है, तो यह तकनीक की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकता है। अब देखना यह है कि आने वाले सालों में यह प्रोजेक्ट किस दिशा में आगे बढ़ता है।