'मोदी सरकार की नकेल' फर्जी लोन ऐप्स पर लगाम कसने के लिए RBI लांच करने जा रहा DIGITA, अब साइबर फ्रॉड वालों की खेर नहीं

'मोदी सरकार की नकेल' फर्जी लोन ऐप्स पर लगाम कसने के लिए RBI लांच करने जा रहा DIGITA, अब साइबर फ्रॉड वालों की खेर नहीं
 
'मोदी सरकार की नकेल' फर्जी लोन ऐप्स पर लगाम कसने के लिए RBI लांच करने जा रहा DIGITA, अब साइबर फ्रॉड वालों की खेर नहीं

टेक न्यूज़ डेस्क,देश में अवैध लोन देने वाले ऐप्स तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके साथ ही साइबर फ्रॉड के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है. बढ़ते साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कमर कस ली है. ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी यानी DIGITA स्थापित करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स का सत्यापन करेगी और सत्यापित ऐप्स का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाएगी. सूत्रों ने कहा कि जिन ऐप्स पर DIGITA का वेरिफिकेशन मार्क नहीं है, उन्हें अनधिकृत माना जाना चाहिए।

इससे डिजिटल क्षेत्र में वित्तीय अपराध के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि डिजिटल लोन देने वाले ऐप की जांच की जिम्मेदारी DIGITA को सौंपी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, यह सत्यापन प्रक्रिया डिजिटल ऋण क्षेत्र के भीतर अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही बनाने में मदद करेगी।इस बीच रिजर्व बैंक ने आईटी मंत्रालय के साथ 442 डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स की लिस्ट साझा की है, ताकि इन्हें गूगल पर बैन किया जा सके. Google ने सितंबर 2022 से अगस्त 2023 तक अपने ऐप स्टोर से 2,200 से अधिक डिजिटल लेंडिंग ऐप्स (DLAs) को हटा दिया है।

गूगल ने अपनी पॉलिसी में बदलाव किया है
Google ने Play Store पर ऋण ऐप्स को लागू करने के संबंध में अपनी नीति को अपडेट किया है और केवल उन ऐप्स को अनुमति दी गई है जो RBI विनियमित इकाई (RE) या RE के साथ साझेदारी में काम कर रहे हैं। Google द्वारा इस नीति में बदलाव RBI और वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के अनुरोध पर किया गया है।