आखिर इतने खास क्यों हैं उदयपुर के ये 3 किले,एक बार जरूर करें विजिट

आखिर इतने खास क्यों हैं उदयपुर के ये 3 किले,एक बार जरूर करें विजिट
 
आखिर इतने खास क्यों हैं उदयपुर के ये 3 किले,एक बार जरूर करें विजिट

ट्रेवल न्यूज़ डेस्क,,विरासत का देश भारत अपने समृद्ध इतिहास और संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां कई ऐसी ऐतिहासिक जगहें हैं, जिन्हें देखने के लिए भारत भर से लोग आते हैं। पर्यटन के लिहाज से भारत दुनिया भर में काफी लोकप्रिय है। यही कारण है कि इस जगह की खूबसूरती और ऐतिहासिक विरासत को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग बड़ी संख्या में यहां आते हैं। राजस्थान भारत का एक ऐसा पर्यटन स्थल है जो दुनिया भर के पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।यह राज्य अपनी संस्कृति और खान-पान के लिए काफी मशहूर है। उदयपुर इस राज्य का एक बेहद खूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां हर साल बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं। इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। यह एक लोकप्रिय विवाह स्थल भी है। इन सबके अलावा यहां कई खूबसूरत किले भी मौजूद हैं। अगर आपको भी किले घूमना पसंद है तो उदयपुर की इन जगहों पर जरूर जाएं।

उदयपुर किला
उदयपुर किला, जिसे वर्तमान में सिटी पैलेस के नाम से जाना जाता है, देश का दूसरा सबसे बड़ा किला है। यह किला पिछोला झील के पूर्वी किनारे पर स्थित है, जिसे 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस महल में राजपूत और मुगल शैली की झलक देखने को मिलती है। यह न सिर्फ देश में बल्कि विदेशियों के बीच भी मशहूर वेडिंग डेस्टिनेशन है। साथ ही यहां कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है।

कुंभलगढ़ किला
अगर आप उदयपुर घूमने आए हैं तो कुंभलगढ़ किला जरूर देखें। उदयपुर से 2 घंटे की दूरी पर स्थित यह किला यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है। इस किले की विशाल दीवार की तुलना अक्सर चीन की महान दीवार से की जाती है। यह किला मेवाड़ साम्राज्य के लिए एक रणनीतिक गढ़ के रूप में बनाया गया था। अपनी वास्तुकला के लिए मशहूर यह किला आज भी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

चित्तौड़गढ़ किला
चित्तौड़गढ़ किला, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यह भारत के सबसे बड़े और ऐतिहासिक किलों में से एक है। यह किला उदयपुर से लगभग 112 किलोमीटर दूर चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। यह किला तत्कालीन मेवाड़ साम्राज्य की राजधानी था। 7वीं शताब्दी ईस्वी में बना यह किला राजपूतों के अटूट गौरव और वीरता का प्रतीक है।