राजस्थान में अरावली की पहाड़ियों के बीच मौजूद है 5000 साल पुराना भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा चमत्कारी मंदिर, जहां से आज तक कोई नहीं लौटा खाली हाथ

जब भी धार्मिक स्थलों की बात आती है तो सबसे पहला नाम वृन्दावन-मथुरा का ही आता है। प्रतिदिन हजारों लोग वृन्दावन-मथुरा जाते......
 
राजस्थान में अरावली की पहाड़ियों के बीच मौजूद है 5000 साल पुराना भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा चमत्कारी मंदिर, जहां से आज तक कोई नहीं लौटा खाली हाथ

जब भी धार्मिक स्थलों की बात आती है तो सबसे पहला नाम वृन्दावन-मथुरा का ही आता है। प्रतिदिन हजारों लोग वृन्दावन-मथुरा जाते हैं। बांके बिहारी लाल मंदिर तो यहां का मुख्य केंद्र है ही, लेकिन इसके अलावा प्रेम मंदिर, निधिवन और सकोंन मंदिर भी अब यहां के प्रसिद्ध स्थानों में से एक हैं। हालाँकि, वृन्दावन-मथुरा में घूमने लायक ये एकमात्र स्थान नहीं हैं। इन जगहों के अलावा और भी कई मंदिर हैं जो न सिर्फ रहस्यों से भरे हैं बल्कि खूबसूरती से भी भरपूर हैं। आइए जानते हैं कि वृन्दावन-मथुरा जाते समय वहां कौन से मंदिरों के दर्शन किए जा सकते हैं।

राधा रमण जी को वृन्दावन के 7 ठाकुर जी में से एक माना जाता है। इस मंदिर की स्थापना वैष्णव परंपरा में गौड़ीय संप्रदाय के अनुयायियों द्वारा की गई थी। यह मंदिर वृन्दावन रेलवे स्टेशन से 2 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर की नक्काशी दक्षिणी परंपरा के अनुसार की गई है। इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि इस मंदिर में एक अग्नि कुंड है जो पिछले 500 सालों से जल रहा है और आज तक उस आग को कोई नहीं बुझा सका है।

राजस्थान में अरावली की पहाड़ियों के बीच मौजूद है 5000 साल पुराना भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा चमत्कारी मंदिर, जहां से आज तक कोई नहीं लौटा खाली हाथ

बंशी वट मंदिर वास्तव में वह स्थान है जहां बाल कृष्ण गायों को चराने और बंशी बजाने के लिए ले जाते थे। जिस वृक्ष के नीचे श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ बंसी बजाते थे और भोजन करते थे वह बंशी वट में आज भी खड़ा है। बंशी वट तहसील मांट मुख्यालय से एक किमी दूर यमुना तट पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई इस पेड़ को सुनता है तो उससे बंशी की आवाज अभी भी सुनी जा सकती है।

गोपेश्वर महादेव मंदिर दुनिया का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान शिव गोपियों के रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जब भगवान कृष्ण ने महारास रचाया था, तब भगवान शिव ने भी गोपी के रूप में उस महारास में भाग लिया था। गोपेश्वर महादेव मंदिर उस स्थान पर मौजूद है जहां भगवान शिव ने गोपी रूप धारण किया था। यह मंदिर बंशीवट के निकट यमुना तट पर स्थित है। इस मंदिर में आज भी भगवान शिव की अनुभूति होती है।

अगर आप भी वृन्दावन या मथुरा जाने की योजना बना रहे हैं तो इस लेख में दी गई जानकारी के जरिए पहले जान लें कि मथुरा-वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के अलावा और भी प्राचीन और रहस्यमयी खूबसूरत मंदिर हैं जिनके दर्शन जरूर करने चाहिए अगर आपके मन में हमारी कहानियों से जुड़ा कोई सवाल है तो हमें आर्टिकल के नीचे कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आपको सही जानकारी प्रदान करने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये कहानी पसंद आये तो कृपया इसे शेयर करें. ऐसी ही कहानियां पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।