क्या आप भी इस मकर संक्राति पर बना रहे है कामाख्या मंदिर की यात्रा का प्लान, तो बातें जानना न भूलें

कामाख्या माता मंदिर असम राज्य के गुवाहाटी जिले में स्थित है और इसे भारत के 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है............
 
क्या आप भी इस मकर संक्राति पर बना रहे है कामाख्या मंदिर की यात्रा का प्लान, तो बातें जानना न भूलें

कामाख्या माता मंदिर असम राज्य के गुवाहाटी जिले में स्थित है और इसे भारत के 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इस मंदिर की विशिष्टता यह है कि यहां माता की कोई मूर्ति या चित्र नहीं है। यहां देवी के गर्भ और योनि की पूजा की जाती है। शास्त्रों में इसका विशेष स्थान है और यह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान है।कामाख्या मंदिर का इतिहास बहुत पुराना और अद्भुत है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने भगवान शंकर के तांडव को शांत करने के लिए माता सती के शरीर को टुकड़ों में काट दिया था, तब सती का गर्भ और योनि यहां गिरे थे। तब से यह स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गया और यहां देवी की पूजा की जाती है।

पहला भाग: यह भाग सबसे बड़ा है, जहाँ विशेष लोग और पवित्र लोग पूजा करते हैं। हर कोई इसके लिए तैयार नहीं हो सकता।दूसरा भाग: यहां भक्त देवी के दर्शन करते हैं और पूजा करते हैं। यह भाग आम श्रद्धालुओं के लिए खुला है।इस मंदिर की संरचना तांत्रिकों और अघोरियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है, जहां तांत्रिक ज्ञान का अभ्यास किया जाता है और सिद्धि प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं।

हर साल जून के महीने में कामाख्या मंदिर में अम्बुवाची मेला आयोजित किया जाता है। यह मेला विशेष रूप से तब आयोजित किया जाता है जब माता रजस्वला होती है। इस दौरान ब्रह्मपुत्र नदी का पानी पूरी तरह लाल हो जाता है, जिसे एक चमत्कारी घटना माना जाता है। इस मेले के दौरान गुवाहाटी के सभी मंदिरों के दरवाजे तीन दिनों के लिए बंद रहते हैं और भक्तजन इस समय को विशेष रूप से पूजा-अर्चना और ध्यान में व्यतीत करते हैं।

अम्बुवाची मेले के चौथे दिन श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। इस दिन भक्तों की विशेष इच्छा होती है कि उन्हें माता के रस से भीगा हुआ वस्त्र मिले, जिसे शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह दिन भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र एवं शुभ माना जाता है।कामाख्या मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह अपनी अनोखी पूजा पद्धति और चमत्कारिक घटनाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की पूजा पद्धतियां और तांत्रिक अनुष्ठान दुनिया भर में अलग-अलग हैं। इस मंदिर का इतिहास और पूजा पद्धति इसे अन्य सभी मंदिरों से विशिष्ट बनाती है।

कामाख्या मंदिर भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां की पूजा पद्धतियां, चमत्कारी कहानियां और अद्भुत ऐतिहासिक स्थल इसे खास बनाते हैं। जो लोग धार्मिक यात्रा पर जाते हैं, उन्हें इस मंदिर के दर्शन अवश्य करने चाहिए, क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि भारतीय पौराणिक विरासत से भी जुड़ा हुआ है।