दो पल सुकूं चाहते हैं तो दिल्ली में इन जगहों की कर आएं सैर, नहीं करेगा वापस आने का मन

कुछ स्थानों पर रात का माहौल मनोरंजक होता है। लोहड़ी की रात इसे लकड़ी पर रखा जाता है और लोग इसकी परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा करते समय लोग अग्नि में तिल, गुड़, रेवड़ी और पॉपकॉर्न जैसी चीजें डालते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस अग्नि का उद्देश्य सूर्य देव को सम्मान देना है। क्योंकि इसके बाद सर्दी का मौसम खत्म हो जाता है और फसलों की कटाई का समय आ जाता है। लोग इस अग्नि के चारों ओर नाच-गाकर त्योहार मनाते हैं। दिल्ली में कई जगहें हैं जहां लोहड़ी का त्यौहार खास तरीके से मनाया जाता है। आज के इस लेख में हम आपको कुछ खास जगहों के बारे में बताएंगे।
आप दिल्ली में लोहड़ी का त्यौहार मनाने के लिए रकाब गंज साहिब गुरुद्वारा भी जा सकते हैं। भले ही आपको यहां नाचने-गाने का मौका न मिले, लेकिन आपको यहां अच्छा लगेगा। यह गुरुद्वारा नई दिल्ली में स्थित ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह गुरुद्वारा संसद भवन के पास स्थित है, इसलिए यहां पहुंचने में आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा। लोहड़ी के त्यौहार पर यहां विशेष लंगर की सुविधा होती है, इसलिए आप यहां जाने की योजना बना सकते हैं।
यह दिल्ली के सबसे खास गुरुद्वारों में से एक है। यह नई दिल्ली में बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर स्थित है, इसलिए आपको यहां पहुंचने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। आप यहां राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से पहुंच सकते हैं। यह 24 घंटे खुला रहता है। लोहड़ी के त्यौहार पर आप यहां भीड़ देख सकते हैं।
यह अपने आध्यात्मिक महत्व और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है। यह गुरुद्वारा हुमायूं के मकबरे के पास सड़क के व्यस्त क्षेत्र में स्थित है। लेकिन फिर भी अंदर जाने के बाद आपको आराम महसूस होगा। ऐसा माना जाता है कि दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह अपनी यात्रा के दौरान यहां रुके थे और पवित्र धर्मग्रंथ, दशम ग्रंथ के कुछ हिस्सों की रचना की थी।
स्थान- H7V3+W25, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स मार्ग, निजामुद्दीन, निजामुद्दीन पूर्व, नई दिल्ली