अगर आप भी बना रहे हैं महाकुंभ जानें की प्लानिंग तो जानें ट्रेन से उतरने के बाद कितने किमी. चलना पड़ेगा पैदल

13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। लेकिन फिर भी भक्तों की संख्या कम नहीं हुई है। महाकुंभ 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में यहां भीड़ और बढ़ सकती है। महाकुंभ में अब तक 2 दिन का शाही स्नान हो चुका है तथा 4 दिन का शाही स्नान अभी बाकी है। शाही स्नान के दिन महाकुंभ में अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में अगर आप भी ऐसे समय में यात्रा की योजना बना रहे हैं तो आपको प्रयागराज में दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जान लेना चाहिए। आज के लेख में हम आपको महाकुंभ तक पहुंचने के सही रास्ते और सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
महाकुंभ मेले से जुड़ी पूरी जानकारी न होने के कारण प्रयागराज में यात्रियों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी लंबी दूरी तक पैदल चलने से हो रही है। क्योंकि, ऑटो या कैब सुविधा न होने तथा मेले के आसपास वाहनों की आवाजाही बंद होने के कारण यात्रियों को अपना सामान लेकर कई किलोमीटर पैदल चलने की परेशानी उठानी पड़ रही है।
महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए लोग प्रयागराज के आसपास स्थित इन स्टेशनों के लिए टिकट बुक करा रहे हैं। ध्यान रखें कि मेले के लिए आपको हर स्टेशन से ऑटो या कैब नहीं मिलेगी। ऐसे कुछ ही स्टेशन हैं जहां से ऑटो सुविधा उपलब्ध है। लेकिन ऑटो वाले भी आपको मेले के ठीक बाहर नहीं उतारेंगे। ऑटो आपको मेले से 5 से 7 किमी की दूरी पर छोड़ देगा, जिसके बाद आपको पैदल यात्रा करनी होगी।
गंज रेलवे स्टेशन से महाकुंभ मेले की दूरी लगभग 14 किमी है।
प्रयागराज जंक्शन से महाकुंभ मेले की दूरी लगभग 11 किमी है।
प्रयागराज चिंकी रेलवे स्टेशन से महाकुंभ मेले की दूरी 10 किमी है।
नैनी रेलवे स्टेशन से महाकुंभ मेले की दूरी 8 किमी है।
फाफामऊ जंक्शन से महाकुंभ की दूरी 18 किमी है।
प्रयागराज रामबाग रेलवे स्टेशन से महाकुंभ मेले की दूरी लगभग 9 किमी है।
झूंसी रेलवे स्टेशन से महाकुंभ मेले की दूरी लगभग 3.5 किमी है।
महाकुंभ तक पहुंचने के लिए इन स्टेशनों तक विशेष रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं।
श्रद्धालु ध्यान रखें कि यदि आप शाही स्नान के दिन महाकुंभ जा रहे हैं तो आपको करीब 10 से 12 किमी पैदल चलना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि शाही स्नान के दौरान भीड़ अधिक होती है। इसलिए वाहनों की आवाजाही लंबी दूरी से ही रोक दी जाती है। इसके अलावा सामान्य दिनों में आपको यहां 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। इसलिए यदि आप यहां जा रहे हैं तो अपने सामान का ध्यान रखें।