राजस्थान की इस जगह को घूमकर भूल जाएंगे विदेशी लोकेशन, इस फरवरी आप भी जरूर करें घूमने का प्लान

राजस्थान देश का एक प्रमुख एवं खूबसूरत पर्यटन राज्य है। इस राज्य को पहले राजाओं की भूमि के नाम से भी जाना जाता था।राजस्था......
 
राजस्थान की इस जगह को घूमकर भूल जाएंगे विदेशी लोकेशन, इस फरवरी आप भी जरूर करें घूमने का प्लान

राजस्थान देश का एक प्रमुख एवं खूबसूरत पर्यटन राज्य है। इस राज्य को पहले राजाओं की भूमि के नाम से भी जाना जाता था।राजस्थान देश का एक ऐसा राज्य है, जहां घूमने-फिरने और मौज-मस्ती के लिए न केवल घरेलू बल्कि विदेशी पर्यटक भी पहुंचते हैं। कई पर्यटक यहां सिर्फ शाही मेहमान नवाजी का आनंद लेने के लिए आते हैं।आपने राजस्थान के प्रसिद्ध स्थलों जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर या बीकानेर का नाम तो सुना होगा, लेकिन आभानेरी का नाम शायद ही सुना होगा। राजस्थान के रेगिस्तान में स्थित आभानेरी किसी शानदार स्थल से कम नहीं है।इस लेख में हम आपको आभानेरी की खासियत और यहां मौजूद कुछ अद्भुत जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं। सर्दियों में यहां आने का एक अलग ही मजा है।आभानेरी क्यों प्रसिद्ध है यह बताने से पहले हम आपको बता दें कि आभानेरी राजस्थान के दौसा जिले से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मध्यकाल में यह खूबसूरत जगह आभा नगरी के नाम से जानी जाती थी।

आभानेरी राजस्थान का एक ऐतिहासिक गांव माना जाता है। यहां स्थित मध्यकालीन युग, महल, किला, बावड़ी अपने प्रसिद्ध मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां आयोजित होने वाले आभानेरी महोत्सव को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं।आभानेरी में कई ऐसे शानदार और ऐतिहासिक स्थान हैं, जहां घूमने के लिए राजस्थान के कोने-कोने से पर्यटक आते हैं। खासकर, सर्दियों के मौसम में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, क्योंकि मई-जून और जुलाई में यहां काफी गर्मी पड़ती है।

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जब आभानेरी के सबसे लोकप्रिय और ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा की बात आती है, तो कई लोग सबसे पहले चांद बावड़ी पहुंचते हैं। चांद बावड़ी सिर्फ आभानेरी ही नहीं बल्कि राजस्थान के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है। इसे दुनिया की सबसे गहरी गुफा भी माना जाता है।चाँद बावड़ी के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण 9वीं शताब्दी में निकुंभ वंश के राजा चाँदा ने करवाया था। कहा जाता है कि इस बावड़ी में ऊपर से नीचे तक लगभग 3500 कंक्रीट की सीढ़ियां बनाई गई हैं। चाँद बावड़ी का निर्माण जल संरक्षण और भीषण गर्मी से राहत प्रदान करने के लिए किया गया था। इस बावड़ी की वास्तुकला भी पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है।

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चांद बावड़ी से थोड़ी दूरी पर स्थित हर्षत माता मंदिर एक प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर स्थानीय देवी हर्षत माता को समर्पित है। इस मंदिर का इतिहास 3000 वर्ष से भी अधिक पुराना बताया जाता है।स्थानीय लोगों के अनुसार हर्षत माता मंदिर शहर की रक्षा करता है। ऐसा कहा जाता है कि कई आक्रमणकारियों ने इस मंदिर की वास्तुकला को देखकर इसे लूटने की कोशिश की थी। यह मंदिर पूरे दिन पर्यटकों के लिए खुला रहता है। मंदिर के आसपास की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है।