इस वीकेंड आप पार्टनर के साथ करें पहाड़ी क्षेत्रों की सैर, टूरिस्टों का लगता है जमावड़ा

आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी आप पहाड़ी इलाकों में घूमने जाते हैं तो वहां आपको मॉल रोड जरूर मिलता है। ऐसी सड़कें आपको हर पहाड़ी इलाके..........
 
इस वीकेंड आप पार्टनर के साथ करें पहाड़ी क्षेत्रों की सैर, टूरिस्टों का लगता है जमावड़ा

आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी आप पहाड़ी इलाकों में घूमने जाते हैं तो वहां आपको मॉल रोड जरूर मिलता है। ऐसी सड़कें आपको हर पहाड़ी इलाके में देखने को मिलेंगी। मॉल रोड एक ऐसा स्थान है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है और सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। इसे क्यों बनाया गया है, आइए जानते हैं इसके पीछे की रोचक कहानी...

मॉल रोड की परंपरा ब्रिटिश राज के दौरान शुरू हुई थी, जब ब्रिटिश अधिकारी पहाड़ी इलाकों में रहते थे, तो वे गर्मी पाने के लिए ऐसी सकों पर टहलने जाते थे। मॉल रोड को विशेष रूप से बाजार, रेस्तरां और मनोरंजन के लिए डिजाइन किया गया था, ताकि वहां रहने वाले ब्रिटिश नागरिक अपनी जरूरतों और आराम का ध्यान रख सकें।मॉल रोड आमतौर पर पहाड़ों के बीच समतल जगह पर बनाया गया है, जहां से पर्यटक आसपास के खूबसूरत नजारों का आनंद ले सकते हैं। यहां कार या अन्य वाहनों की अनुमति नहीं है, ताकि लोग आराम से चल सकें और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। हालांकि अब वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है।

Story Behind Mall Road In Hill Station,क्या आपने कभी सोचा है हर हिल स्टेशन  पर मॉल रोड क्यों होते हैं? जानिए इसके पीछे की मजेदार कहानी के बारे में -  history behind

आज माल रोड न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि स्थानीय संस्कृति और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी है। यहां छोटे-बड़े बाजार, स्थानीय हस्तनिर्मित सामान बेचने वाली दुकानें, कैफे और रेस्तरां हैं, जहां लोग अपना कीमती समय बिताते हैं। इसके अलावा, यह पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच सामाजिक जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।मसूरी, शिमला, नैनीताल और मनाली जैसे पहाड़ी स्थानों के माल रोड पर हमेशा पर्यटकों की भीड़ देखी जाती है। ये स्थान न केवल खरीदारी र खाने के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि यहां से आसपास के पहाड़ों और घाटियों का मनोरम दृश्य भी दिखाई देता है। मॉल रोड पर आपको कई पारंपरिक मंदिर भी देखने को मिलेंगे, जैसे मनाली के मॉल रोड पर प्रसिद्ध हिडिम्बा मंदिर और उसके सामने ही उसके पुत्र घटोत्कक्ष का मंदिर भी है।