क्या आप भी सोनमर्ग टनल घूमने की यात्रा का प्लान बना रहे है प्लान तो जानें क्यों है यह सबसे अलग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया। इस सुरंग के बन जाने से कश्मीर-सोनमर्ग जाने वाले लोगों का सफर और भी आसान हो जाएगा। अब सोनमर्ग क्षेत्र में चाहे कितनी भी बर्फ गिरे, लोगों को यहां पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी। श्रीनगर-लेह राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर निर्मित 6.4 किलोमीटर लंबी जुड़वां सुरंग श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ेगी। आपको बता दें कि जब बहुत अधिक बर्फबारी होती है तो यह राजमार्ग 6 महीने के लिए बंद हो जाता था। लेकिन नई सुरंग के निर्माण के बाद यात्रियों को अब किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। लोग अब भारी बर्फबारी में भी बिना किसी परेशानी के कश्मीर की यात्रा कर सकेंगे। इन सुरंगों के निर्माण के बाद और क्या सुविधाएं मिलेंगी और यह बाकी से किस तरह अलग है, इसके बारे में आप यहां विस्तार से पढ़ सकते हैं।
यदि आप पहली बार इस सुरंग से यात्रा करने जा रहे हैं तो आपको यातायात के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, इस सुरंग सेएक बार में करीब 1000 वाहन गुजर सकते हैं। इस सुरंग से गुजरने वाले लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह दो लेन वाली सुरंग है। इसकी चौड़ाई 10 मीटर है, इसलिए इसमें यात्रा करने में कोई परेशानी नहीं होगी।अगर आप कश्मीर घूमने जा रहे हैं और यात्रा का समय बचाना चाहते हैं तो यह सुरंग आपके लिए फायदेमंद होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके निर्माण के बाद आप श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर गगनगीर से सोनमर्ग तक का सफर करीब 15 से 20 मिनट में पूरा कर सकेंगे। हालाँकि, इसे पूरा करने में पूरा एक घंटा लग गया।
इसके अलावा पूरे रास्ते को कवर करने में 3 से 4 घंटे का समय लगता है, लेकिन सुरंग बनने के बाद आप पूरा रास्ता सिर्फ 45 मिनट में कवर कर लेंगे। इस सुरंग का निर्माण पूरे वर्ष श्रीनगर से लद्दाख तक सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। क्योंकि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है और यहां रहने वाले लोगों को पैसा कमाने का मौका मिलता है।इस सुरंग का नाम जेड-मोड़ सुरंग इसलिए रखा गया है क्योंकि पहले यहां जो सड़क थी वह जेड आकार की थी।सुरंग में आग का पता लगाने के लिए एक विद्युत प्रणाली स्थापित की गई है। इसलिए अगर किसी तरह की दुर्घटना घटित होती है तो अंदर सायरन बजना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही गति सीमा को लेकर जगह-जगह बोर्ड लगाए गए हैं।